जानिए क्यों हरियाणा में नितिन गडकरी के आदेश के बाद भी लागू नहीं हुई एक टोल की पॉलिसी

नितिन गडकरी के आदेश के बाद भी लागू नहीं हुई एक टोल की पॉलिसी

Update: 2022-06-24 15:19 GMT
साठ किलोमीटर के दायरे में एक ही टोल प्लाजा होने की नई नीति का क्रियान्वन तीन माह बीत जाने के बाद भी नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) नहीं कर पाई है। करनाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद संजय भाटिया ने करनाल-पानीपत टोल प्लाजा का मामला संसद में उठाया था, जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इसे गलत मानते हुए तीन माह में कम दूरी वाले टोल प्लाजा हटाने की बात कही थी।
गडकरी के आदेश के बाद जब हरियाणा और पंजाब में टोल प्लाजा का रिकार्ड खंगाला गया, तो साठ किमी के दायरे में 41 टोल प्लाजा सामने आए। ऐसे में इन टोल प्लाजा को तीन माह में शिफ्ट करना या फिर उनका एक दूसरे में विलय करना चुनौती बन गया। एक कारण इसका यह भी था एक टोल प्लाजा को अन्यत्र शिफ्ट करने या दूसरे में विलय करने का खर्च लगभग 12 करोड़ रुपये आ रहा है। इसलिए यदि हरियाणा एवं पंजाब के 41 टोल प्लाजा को शिफ्ट किया जाता है तो चार अरब 92 करोड़ का बोझ पड़ता। अब दूसरा विकल्प ढूंढा जा रहा है।
बता दें कि हरियाणा और पंजाब में कुल 63 टोल प्लाजा हैं जिनमें से 60 किलोमीटर दायरे में 41 टोल हैं। अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग की बात करें तो मुरथल (सोनीपत) पानीपत और करनाल तक तीन टोल प्लाजा हैं जिनमें से एक के हटने, मर्ज होने या शिफ्ट करने के संकेत मिले थे, लेकिन यह भी नहीं हो पाया। दरअसल, टोल की वसूली हाइवे पर प्रत्येक किलोमीटर के हिसाब से ही होती है, यदि बीच का कोई टोल हट भी जाएगा तो वाहन संचालकों को दूसरे पर अधिक राशि देनी पड़ सकती है।
हरियाणा के ये टोल प्लाजा हैं 60 किमी के दायरे में
साठ किलोमीटर के दायरे में टोल प्लाजा की बात करें, तो इनकी संख्या हरियाणा में बीस है। इसमें अंबाला, पानीपत, घरौंडा, सैनीमाजरा, यमुनानगर, भिवानी-मोरवाला हिसार-नरवाना, बडोपत्ती, चौधरीवास, मदीना, रामायणा, लंढारी, भवदीन, खटकड़ सोनीपत-रोहड, मकरौली, डहर, भागन, छारा, झरोठी शामिल हैं।
वाहनों पर जीपीएस लगा टोल वसूलने की तैयारी
वाहन चालक टोल पर ही फीस जमा करवाते हैं, जबकि अब फास्टैग से टोल पर फीस वसूली जाती है। अब सरकार जीपीएस आधारित सिस्टम ला रही है, जिससे सड़कों से टोल हट जाएंगे। सरकार की प्लानिंग है कि वाहनों पर जीपीएस लगा दिया जाए, जिससे टोल की वसूली की जाएगी। यह वाहन चालकों के लिए भी काफी आसान होगा। माना जा रहा है कि यह योजना जल्द ही शुरू की जा सकती है।
पालिसी का इंतजार है : आरओ
एनएचएआइ के रीजनल आफिसर राकेश ने कहा कि साठ किमी के दायरे में एक टोल प्लाजा की पालिसी अभी आई नहीं है। इसके बारे में डाटा मांगा गया था, जो मुख्यालय भेज दिया गया है। नई पालिसी जो भी आएगी, उसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा
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