हिसार: हरियाणा में मानसून ने 30 जून को दस्तक दे दिया (Monsoon In Haryana) था. तब से लेकर 27 जुलाई तक राज्य में 202.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य बारिश (179.9 मिलीमीटर) से 12 प्रतिशत ज्यादा दर्ज हुई है. प्रदेश के 15 जिलों में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. बाकी बचे सात जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई है.फतेहाबाद में इस बार 93 प्रतिशत अधिक बारिश- मानसून के सीजन में 30 जून से 27 जुलाई तक प्रदेश के फतेहाबाद जिले में सबसे अधिक बारिश हुई (Rain In Fatehabad) है जो कि सामान्य से 93 प्रतिशत अधिक है. फतेहाबाद में 27 जुलाई तक 116.3 एमएम बारिश सामान्य तौर पर होती है लेकिन इस बार 224.9 एमएम बारिश अब तक हो चुकी है. इस सीजन की अब तक सबसे कम बारिश फरीदाबाद में हुई (Low Rain In Faridabad) है जोकि सामान्य से 41 प्रतिशत कम है. फरीदाबाद में सामान्य तब तक 197.8 एमएम बारिश होती है लेकिन इस बार सिर्फ 116.6 एमएम बारिश हुई है.किन- किन जिलों में कितनी हुई बारिश- सबसे ज्यादा बारिश हरियाणा के फतेहाबाद, कैथल, कुरूक्षेत्र और पानीपत के जिलों में हुई है. जबकि फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, यमुनानगर,अंबाला और सोनीपत में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है.अगले 24 घंटे में कई जिलों में बारिश की संभावना- मौसम विभाग की मानें तो राज्य के कई जिलों में अगले 24 घंटों में बारिश की संभावना बनी हुई है. इस दौरान कुछ स्थानों पर 7 से 11 सेंटीमीटर बारिश होने की भी संभावना है. बात राजधानी की करें तों यहां आज भी दिन का आगाज बादलों के साथ हुआ है. चंडीगढ़ में आज आसमान में घने बादल छाए हैं और बारिश का संभावना है.प्रदेश में तीन दिन तक बारिश की संभावना- डॉ. खीचड़ ने बताया कि मानसून ट्रफ उत्तर की तरफ सामान्य स्तिथि में फिर से आने की संभावना है. इसकी वजह से बंगाल की खाड़ी की तरफ से नमी वाली मानसूनी हवाओं की सक्रियता फिर से बढ़ने से हरियाणा राज्य में 27 जुलाई से बारिश की गतिविधियां एक बार फिर से बढ़ने की संभावना बन रही है जिससे राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में 27 से 30 जुलाई के दौरान अच्छी बारिश की संभावना (Rain In Haryana) है. परंतु इस दौरान राज्य के कुछ एक क्षेत्रों में तेज बारिश की भी संभावना है.बंपर पैदावार की संभावना- सीजन में अच्छी बारिश की वजह से किसानों के चेहरे पर चमक है. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सही समय पर बारिश होने की वजह से अच्छी पैदावार होने की संभावना जताई गई है. हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Haryana Agricultural University) के वैज्ञानिक डॉ एमएल खीचड़ ने बताया कि आगामी दिनों में मानसून की स्थिति अनुकूल है.धान की फसल को पानी की जरूरत नहीं- डॉक्टर एमएल खीचड़ ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में अच्छी बारिश हुई है. बारिश की वजह से फिलहाल धान की फसल में पानी की जरूरत नहीं है क्योंकि तीन-चार दिनों में फिर से बारिश होने की संभावना है. वहीं नरमा की फसल में अगर पानी का ठहराव अधिक है तो किसान भाइयों को तुरंत पानी निकालने की जरूरत है. ऐसे में पानी भरे रहने से नरमा की फसल में जड़ गलने का खतरा बना रहता है.