करनाल: आंगनबाड़ी वर्कर्स विभिन्न मांगों के लिए 76 दिन से हड़ताल पर, पढ़े पूरी खबर

हलके में न ले सरकार

Update: 2022-02-21 12:07 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेसक: करनाल। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन की ओर से विभिन्न मांगों के समर्थन में लघु सचिवालय पर धरना रविवार को भी जारी रहा। 76 दिन से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं। करनाल लघु सचिवालय के सामने 14 फरवरी से प्रदेशभर की आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने फव्वारा पार्क में महापड़ाव डाला है। सीटू नेताओं ने बताया कि 21 फरवरी को दोपहर बाद तीन बजे पंचकूला में हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यूनियन नेताओं की बैठक रखी गई है। इसके बाद अगली रणनीति का एलान किया जाएगा।

फव्वारा चौक पर चल रहे महापड़ाव के बेमियादी धरने को आंगनबाड़ी राज्य महासचिव शकुंतला, देवेंद्री शर्मा, रूपा राणा, सीटू प्रदेश कोषाध्यक्ष महावीर दहिया, संयुक्त कर्मचारी मंच महासचिव सूबे सिंह, यूटीयूसी उपाध्यक्ष ईश्वर राठी, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के नेता कृष्ण शर्मा ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि भाजपा को सत्ता में आए आठ साल हो चुके हैं लेकिन इसे लागू नहीं किया गया है। परियोजना कर्मचारियों को 24 हजार न्यूनतम वेतन दिया दिया जाना चाहिए और स्थाई कर्मचारी घोषित किया जाना चाहिए। सरकार उल्टा जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहीं वर्कर्स को टर्मिनेट कर रही है, गिरफ्तार करा रही है, मुकदमे दर्ज कर रही है।
तालमेल कमेटी के नेताओं ने कहा कि सरकार बातचीत की तारीखें बदलकर आंगनबाड़ी वर्कर्स के सब्र की परीक्षा ले रही है। पहले 17, फिर 18 और अब 21 फरवरी को दोपहर बाद तीन बजे का समय दिया है। सीटू जिला सचिव जगपाल राणा ने बताया कि सोमवार को बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। हमें उम्मीद है कि सरकार मांगों को हल करेगी। मौके पर बिजनेश राणा, धीरज रावत, सुमन, नीतू, सुनीता, सतपाल सैनी, ओपी माटा, रीना, ललिता, ममता रेनू, बबिता, पुष्पा दलाल, कृष्णा, संतोष, नीलम, महेश व पूनम आदि मुख्य रूप से शामिल रहीं।
हलके में न ले सरकार 
महापड़ाव को सरकार हलके में न ले। आंदोलन कितना भी लंबा चले, हमें कोई परवाह नहीं। मांगें तो हमारी माननी ही पडे़ंगी।
- रोशनी
सरकार को जिद छोड़नी चाहिए
-सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए जिससे आंदोलन समाप्त हो सके। सरकार को अपनी जिद्द छोड़नी ही होगी।
- मूर्ति देवी
हम रोज योग करते हैं ताकि थकें न
-सरकार यदि हमें थकाना चाह रही है तो उसे समझ लेना चाहिए हम हर सुबह योग कर रहें हैं, जिससे आगे की लड़ाई लड़ सकें।
- राजबाला
इस बार आंदोलन निर्णायक है। पिछले कई साल से हम अपनी मांगों को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन इस बार का आंदोलन निर्णायक होगा।
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