भाजपा ने कैसे खोजा हरियाणा संकट से निपटने का रास्ता

जाने सियासी खेल में परदे के पीछे की कहानी

Update: 2024-03-13 09:30 GMT

हरियाणा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके साथी कैबिनेट मंत्रियों ने मंगलवार को राज्य के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया। लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) गठबंधन के बीच दरार की अटकलों के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है

भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी गठबंधन (बीजेपी-जेजेपी गठबंधन) में दरार के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को अचानक इस्तीफा दे दिया। उनकी पूरी कैबिनेट ने भी इस्तीफा दे दिया है. अचानक हुई इस टूट ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को संकट में डाल दिया है। हालांकि, पार्टी के पास इस संभावित संकट से निपटने की योजना भी है.

बहुमत के आंकड़े से पांच विधायक पीछे रहने के बाद बीजेपी ने दुष्‍यंत चौटाला के 10 विधायकों का समर्थन स्वीकार कर लिया. हरियाणा विधानसभा में पार्टी के फिलहाल 41 विधायक हैं.

हरियाणा में भाजपा सरकार पांच निर्दलीय विधायकों और एचएलपी विधायक गोपाल कांडा के समर्थन से अग्निपरीक्षा से बचने की योजना बना रही है। अगर छह विधायक बीजेपी को अपना समर्थन देते हैं तो 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 47 विधायकों का समर्थन होगा. विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 45 है.

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