Hisar: सिविल अस्पताल में आठ माह से बाल रोग विशेषज्ञ का पद खाली

28 साल बाद मिला बाल रोग विशेषज्ञ

Update: 2024-07-08 10:04 GMT

हिसार: सिविल अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ का पद आठ माह से खाली है। इस वजह से इस मौसम में अभिभावकों के लिए अपने बच्चों के इलाज के लिए निजी अस्पताल ही एकमात्र विकल्प हैं, इसलिए सिविल अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञों की कमी है। 28 साल बाद मई 2023 में सिविल अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई। बाल रोग विशेषज्ञ ने करीब पांच महीने तक जिले में सेवाएं दीं और आठ महीने पहले उनका तबादला हो गया। इसके बाद सरकार ने एक महिला बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती की, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। ऐसे में यह पद काफी समय से खाली है.

शहर के पांच प्रमुख निजी अस्पतालों में छोटे बच्चों का इलाज किया जाता है। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल की प्रतिदिन औसत ओपीडी 40 है और प्रति बच्चा ओपीडी शुल्क 150 से 200 रुपये निर्धारित है। इस दौरान कम से कम 200 रुपये की दवाएं भी दी जाती हैं. इस लिहाज से एक बार के इलाज में 300 से 500 रुपये का खर्च आता है. इस लिहाज से वहां बच्चों के माता-पिता को इलाज के लिए हर महीने करीब 21 लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं.

कम से कम 50 बच्चे इलाज के लिए आते हैं: सिविल अस्पताल की रोजाना ओपीडी 1300 से 1400 है। यहां प्रतिदिन 50 से अधिक बच्चे इलाज के लिए आते हैं। छोटी-मोटी बीमारी होने पर चिकित्सा अधिकारी द्वारा सलाह व दवा दी जाती है, जबकि गंभीर बीमारी होने पर बच्चे को उपचार के लिए भिवानी या रोहतक पीजीआई रेफर किया जाता है। सिविल अस्पताल में रोजाना 50 से अधिक बच्चे इलाज के लिए पहुंचते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता अपने बच्चे के मुफ्त इलाज के लिए रोहतक पीजीआइ और भिवानी जाने को मजबूर हैं। बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती की मांग मुख्यालय को भेज दी गई है। एनएचएम के तहत स्थानीय स्तर पर भर्ती के भी प्रयास किये जा रहे हैं। जल्द ही विशेषज्ञ की तैनाती होने की उम्मीद है। - डॉ. नरेश, कार्यवाहक सीएमओ, चरखी दादरी

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