हरियाणा का अखाड़ा फिर हुआ बदनाम! कोच पर लगा नाबालिग लड़की से रेप का आरोप
हरियाणा के अखाड़े (haryana akhara crime) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं, लेकिन गलत कारणों से. हाल ही में सोनीपत के अखाड़े में एक कोच ने महिला पहलवान और उसके भाई की हत्या की थी,
जनता से रिश्ता। हरियाणा के अखाड़े (haryana akhara crime) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं, लेकिन गलत कारणों से. हाल ही में सोनीपत के अखाड़े में एक कोच ने महिला पहलवान और उसके भाई की हत्या की थी, वहीं अब झज्जर जिले के एक अखाड़े से रेप का मामला (jhajjar wrestler raped) सामने आया है. झज्जर जिले के एक गांव में बने अखाड़े के संचालक पर रेप का आरोप लगा है. ग्रामीणों ने मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर इस मामले में कोई कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया है.
पीड़िता के परिजन और गांव की पंचायत चार बार झज्जर के पूर्व पुलिस कप्तान राजेश दुग्गल से भी मिल चुके हैं, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनकी नाबालिग लड़की अखाड़े में पहलवानी सीखने जाती थी. उसको 29 अक्टूबर को गांव से ही अगवा किया गया था. जिसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस में शिकायत के बाद पुलिस के द्वारा 2 नवंबर को बीकानेर के एक होटल से लड़की को बरामद किया गया. पुलिस के द्वारा लड़की के बरामद करने के बाद लड़की ने पूछताछ में बताया कि पिछले 2 महीने से उसके साथ अखाड़ा संचालक और उसका पंजाब का साथी दुष्कर्म कर रहा था.
परिजनों का कहना है कि 3 नवंबर को हुई मेडिकल रिपोर्ट में भी बच्ची के साथ रेप की पुष्टि हुई, लेकिन पुलिस के द्वारा अब तक कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किया गया है. वहीं ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस कप्तान ने गांव में चल रहे इस अखाड़े को बंद तो करवा दिया था, लेकिन उसके ऊपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अखाड़ा संचालक गांव व आसपास की बच्चियां, जो कि अखाड़े में प्रैक्टिस के लिए आती थी उन्हें पेय पदार्थों में नशा करवाता था और उन्हें नशे का आदी बनाता था. ग्रामीणों ने बताया कि अखाड़ा संचालक बड़े-बड़े पहलवानों से अपनी एकेडमी की तंग हालत और बच्चियों का नाम प्रयोग करके उनसे पैसे अपने खाते में भी डलवाता था.
ग्रामीणों के मुताबिक केस के इंचार्ज ने भी उन्हें परेशान किया. वह ग्रामीणों को मिलने के लिए थाने में बुलाती है, लेकिन या तो मिलती नहीं है या फिर कहती है कि दूसरी पार्टी नहीं आई है दोबारा से आना. ग्रामीणों ने साफ तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन भी उनके ऊपर समझौता करवाने का दबाव बना रहा है और दलीलें दे रहा है कि क्यों बच्चों की जिंदगी खराब कर रहे हो. केस करने से बच्चों की जिंदगी खराब हो जाएगी. ग्रामीणों का कहना है कि पीड़ित परिवार न्याय के लिए जगह-जगह भटक रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.