हरियाणा Haryana : कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा सांसद कुमारी शैलजा ने दावा किया है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में सैकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में मिलीभगत के कारण राशि का दुरुपयोग हुआ है, जबकि अन्य जिलों में पात्र विद्यार्थी 10 साल से छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे हैं। मामले की हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग करते हुए उन्होंने दावा किया कि छात्रवृत्ति घोटाला 2014 से भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ है। आज यहां जारी बयान में शैलजा ने कहा कि कैथल में हाल ही में 96 लाख रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया,
जो महज एक नमूना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों से ऐसे घोटाले की खबरें आ रही हैं और इन घोटालों की राज्य स्तरीय जांच जरूरी है। 10 साल से चल रहे इन घोटालों में गबन की गई राशि सैकड़ों करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। रिपोर्ट में छात्रवृत्ति घोटाले में राज्य सरकार के अधिकारियों की संलिप्तता की बात भी कही गई है, जिससे किसी भी राज्य एजेंसी पर निष्पक्ष जांच करने का भरोसा करना असंभव हो गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के अधिकारी अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों के अधिकारों को लूटने में लगे हुए हैं, जबकि पिछले 10 वर्षों में लाखों पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित हैं। उन्होंने कहा, "आरटीआई जांच से पता चला है कि पात्र होने के बावजूद, 9,43,605 अनुसूचित जाति के छात्र और 2,81,649 पिछड़े वर्ग के छात्रों को पिछले एक दशक में छात्रवृत्ति नहीं मिली है। राज्य सरकार की ओर से मिले जवाब के अनुसार, 1 जनवरी 2013 से 30 नवंबर 2023 तक कुल 34,37,866 अनुसूचित जाति के छात्र और 11,41,435 पिछड़े वर्ग के छात्र छात्रवृत्ति के लाभार्थी थे। भाजपा सरकार और शिक्षा विभाग की गरीब विरोधी नीतियों के कारण पिछले 10 वर्षों में लाखों छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है।"