हरियाणा: यमुना के बीचों-बीच खनन कंपनी ने बनाया अवैध रास्ता, शासन व प्रशासन को ठेंगा

हरियाणा न्यूज

Update: 2022-04-17 10:06 GMT
सोनीपत, 16 अप्रैल (हप्र)
सोनीपत के गांव टिकौला के पास यमुना के बीचों-बीच अपने फायदे के लिए एक खनन कंपनी ने अवैध रूप से रास्ता ही तैयार कर दिया। रास्ता बनाने की जानकारी मिलने के बाद संबंधित विभाग हरकत में आए। मामले में सिंचाई विभाग की शिकायत पर मुरथल थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। कंपनी के खिलाफ हरियाणा कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
गांव टिकौला के पास यमुना किनारे पर रेत खनन का ठेका मैसर्ज आनंद खनन कंपनी के पास है। पिछले कुछ दिनों से एकाएक गर्मी बढ़ने से यमुना की धार सिमटती जा रही है। उसके चलते यमुना के दोनों किनारों पर रेत का क्षेत्र बढ़ गया है।
आरोप है कि खनन कंपनी के प्रबंधकों ने ज्यादा क्षेत्र में रेत खनन कराने के लिए यमुना के बेड में बालू व बालू से भरे प्लास्टिक के बैग डालकर कच्चे रास्ते का निर्माण करा लिया। खनन कंपनी की ओर से पुल रूपी रास्ता बनाने को खनन व सिंचाई विभाग से अनुमति तक लेना मुनासिब नहीं समझा। कंपनी ने यमुना पर रास्ता बनाया और खनन शुरू करा दिया। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद अब सिंचाई विभाग के एसडीओ विक्रम के बयान पर केस दर्ज कर लिया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही कच्चे पुलिस को हटाया जाएगा।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश का उल्लंघन
यमुना नदी का जल प्रवाह सामान्य परिस्थितियों में प्रभावित नहीं किया जा सकता है। इसके लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने विशेष टीम का गठन किया हुआ है। वहीं एक निर्धारित क्षेत्र में ही बालू का खनन किया जा सकता है। अपनी मनमर्जी से कंपनी किसी भी स्थान या एरिया में खनन नहीं कर सकती है। अवैध खनन से यमुना का जल प्रवाह, ग्रीन बेल्ट और हरियाली क्षेत्र प्रभावित होता है। साथ ही पानी में विचरण करने वाले जीव जंतु भी प्रभावित होते हैं। अवांछित गतिविधियों के चलते यमुना का किसी एक दिशा में अवैध कटान का अंदेशा बना रहता है। इससे पहले भी यमुना के बेड में रास्ता बनाकर धारा मोड़ने के मामले सामने आ चुके हैं। खनन विभाग व सिंचाई विभाग कंपनियों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाती हैं।
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