पलवल अनाज मंडी सचिव पर किसानों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, सीएम से की जांच की मांग
हरियाणा सरकार का दावा है कि अनाज खरीद को ऑनलाइन करने के बाद मंडियों से भ्रष्टाचार (Corruption in Palwal anaaj Mandi) खत्म हो चुका है, लेकिन कुछ सरकारी अधिकारियों ने अपनी जेब गर्म करने के लिए सरकार के इस दावे को भी फेल कर रहे हैं.
जनता से रिश्ता। हरियाणा सरकार का दावा है कि अनाज खरीद को ऑनलाइन करने के बाद मंडियों से भ्रष्टाचार (Corruption in Palwal anaaj Mandi) खत्म हो चुका है, लेकिन कुछ सरकारी अधिकारियों ने अपनी जेब गर्म करने के लिए सरकार के इस दावे को भी फेल कर रहे हैं. पलवल की अनाज मंडी में किसानों का आरोप है कि वहां मंड़ी सचिव सरकार और उच्च अधिकारियों के नाम पर किसानों से धान खरीद के लिए पैसे ऐंठ (Palwal Anaaj Mandi Procurement Corruption) रहा है.
बता दें कि हरियाणा सरकार ने पूरे प्रदेश में अनाज खरीद के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य किया था. दावा था कि इस आवेदन के बाद किसान को अपनी फसल बेचने के लिए धक्के नहीं खाने होंगे. किसान अपनी फसल को बिना किसी को रिश्वत दिए बेच पाएगा. दावा ये भी था कि सरकार के इस कदम से मंडी से भ्रष्टाचार खत्म होगा, लेकिन पलवल अनाज मंडी के पूर्व प्रधान सतपाल सौरौत के मुताबिक मंडियों में ऑनलाइन व्यवस्था का कोई फर्क नहीं पड़ा है. किसानों से मंडी सचिव पैसे वसूलते हैं और ऑनलाइन पोर्टल को साइडलाइन कर मनमर्जी से फसल खरीद कर रहे हैं. अनाज मंडी के पूर्व प्रधान सतपाल सौरौत ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल, डिप्टी सीएम के पास लिखित में शिकायत भेज दी है.
होडल शहर के अग्रसेन चौक स्थित नई अनाज मंडी में दोपहर धान की फसल लेकर आए किसानों के धान को मंडी में डालने पर बवाल मच गया. किसान जैसे धान को ट्राली से निकालने गए तभी मंडी सचिव कर्मचारियों के साथ आ धमके और किसानों से पहचान पत्र की मांग करने लगे. किसानों ने कुछ समय की मांग की, लेकिन मंडी सचिव नहीं माने. जिस पर किसान और आढ़ती, मंडी अधिकारियों से भिड़ गए और आपस में कहासुनी हो गई.
आढ़तियों ने मंडी अधिकारियों पर प्रशासनिक अधिकारियों के नाम पर 25 रुपये क्विंटल की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. मंडी में झगड़े की सूचना पर थाना पुलिस को मिली पुलिस घटना स्थल पर आ गई और मामले को शांत कराया. दोपहर क्षेत्र के किसान मंडी में अपनी धान की फसल को लेकर मंडी में आए तभी मंडी सचिव देवेंद्र ढुल अपने साथी कर्मचारियों के साथ मंडी में गाड़ी लेकर आ गए और किसानों से पहचान पत्र की मांग करने लगे. जिसपर किसानों ने कुछ देर में लाने का समय मांगा पर मंडी सचिव माने जिस पर आढ़तियों व किसान एकत्रित हो गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
किसानों ने कहा कि मंडी के अधिकारी उनके गेट पास नहीं काट रहे और पैसों की मांग करते हैं. किसानों ने ये भी कहा कि उनकी धान की फसल नहीं खरीदी जा रही है, इसके बाद उनसे लगातार रिश्वत मांगी जा रही है. इसके साथ ही मंडी के अधिकारी राइस मिलों से रिश्वत लेकर उनके इशारे पर गेट पास काटते हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि अगर वो रिश्वत नहीं देते तो उनकी फसल की खरीद नहीं की जाती है. अब इस मामले में मंडी के आढ़तियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से उच्च स्तरीय कमेठी से जांच करने की मांग की है.