करनाल में किसान ने गोभी की खेती से कमाए करीब 70 हजार रुपए

Update: 2022-12-16 06:38 GMT

हरयाणा न्यूज़: भारत एक कृषि (agriculture) प्रधान देश हैं. यहां ज्यादातर जनसंख्या गांवों में रहती है. जो अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर होती है. गांवों में किसान रवी और खरीफ की फसलों (Crops) के साथ मौसमी सब्जियों (Vegetables) के उत्पादन से भी अपनी जीविका चलाते हैं. ऐसी ही एक सब्जी होती है फूलगोभी. फूलगोभी (Cauliflower) आम तौर पर सबसे सुलभ उपलब्ध होने वाली सब्जी है​. जिसका प्रयोग न केवल सब्जी बनाने बल्कि अलग-अलग स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए भी किया जाता है​. फूल गोभी का उपयोग सब्जी, सूप, अचार, पकौड़ा आदि बनाने में किया जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं हरियाणा के करनाल जिले के गुलारपुर गाँव के किसान विनोद कुमार के बारे में जो ​1 एकड़ में हाइब्रिड फूलगोभी (cauliflower) लगाकर काफी खुश हैं.

विनोद कुमार ने 6X9 इंच की दूरी पर फूलगोभी (Cauliflower)को लगाया है. विनोद कुमार के मुताबिक, लगभग 68 दिनों के बाद उनको गोभी की फसल काटने लायक मिल गई थी. जिसे इन्होने 8 से 10 बार दो -दो दिनों के अंतराल में काटकर बाजार में बेचा​. विनोद परंपरागत तरीके से इन्हें पन्नियों में एक के ऊपर एक रखकर लगभग 28 से 30 फूल को जमा कर पैक करते है.​ जिसका वजन 30 से 32 किलोग्राम रहता है. इस तरह एक बार में लगभग 28 से 30 पन्नी को 210 रुपए प्रति पन्नी बेच कर 6300 रुपए कमाते हैं. इस प्रकार इस साल फूलगोभी की फसल लगा कर 68 दिनो में 6600 किलो उत्पादन मिला और इससे उन्हें 68,870 रुपये की कमाई हुई​.

कैसे करें गोभी की फसल का उत्पादन: विनोद कुमार बताते हैं कि इस मौसम में गोभी के पौधे तैयार किए जाते हैं. किसान जल्द से जल्द खेत तैयार करके इनकी रोपाई करा दें. साथ ही रोपाई के समय पौधे के बीच की दूरी का ख्याल रखें. पौधों को अधिक नजदीक न लगाएं. मेड बनाकर पौधा लगाने से पौधा जल्दी ग्रोथ करता है और इससे अच्छा फल तैयार होता है. फसल में खरपतवार न होने दें और समय–समय पर पानी डालते रहें. इसके लिए 70-80 सेमी की दूरी पर पंक्तियां बनाने की जरुरत होती है. पंक्तियों में 20-40 सेमी की दूरी जरुरी है. इसके बाद 0.5-1.5 सेमी की गहराई वाले हर गड्ढे में 3-4 बीज बो सकते हैं और उन्हें मिट्टी की परत से ढंक सकते हैं​. बीज बोने के तुरंत बाद आप सिंचाई कर सकते हैं​.

शाम को करें फसल की कटाई: विनोद कुमार ने बताया कि ज्यादातर फूलगोभी, रोपाई के 60-75 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है. हालांकि, फसल का समय मुख्य रूप से उनकी किस्म, साथ ही साथ उनकी पर्यावरणीय परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है. किस्म के आधार पर फूलगोभी का फूल उपयुक्त आकार का होने के बाद हम फूलगोभी की कटाई कर सकते हैं. फसल की कटाई शाम के समय कैंची या चाकू से की जाती है. नहीं तो, धूप की वजह से फूल जल सकता है और इसकी पत्तियां मुरझा सकती हैं. उत्पादक फूल की गांठ के चारों ओर 3-4 आंतरिक पत्तियों के साथ फूलगोभी काटता है. कटाई में देरी की वजह से गोभी की गुणवत्ता काफी कम हो सकती है, क्योंकि तब इसका फूल पीला और ढीला होने का जोखिम होता है.

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