पूर्व सैनिकों ने प्रदर्शन किया, वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने की मांग

Update: 2023-04-07 09:13 GMT

हिसार न्यूज़: वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करवाने के लिए पूर्व सैनिक सड़कों पर उतर आए. पूर्व सैनिकों ने सिविल लाइंस स्थित मंडलायुक्त के आवास के बाहर प्रदर्शन करते हुए नारे लगाए. यहां पर प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे. इसमें सोहना, पटौदी समेत अन्य क्षेत्रों से दो सौ से अधिक पूर्व सैनिकों ने अपने हाथों में वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों से जुड़ी बैनर भी ले रखी थी. यहां अपनी मांगों को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा.

प्रदर्शन करते हुए पूर्व सैनिकों ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वह कभी पीछे नहीं हटे. अब अपने हकों के लिए भी लगातार संघर्ष करते रहेंगे, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती. पूर्व सैनिकों का यह भी कहना था कि सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द उनकी मांग को पूरा करें. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें वन रैंक वन पेंशन की वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की गई. अगर समय रहते सरकार मांग नहीं मानती है तो संसद का भी घेराव करेंगे.

भूतपूर्व सैनिक संयुक्त संगठन के इस: प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व सैनिक कैप्टन राजेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन स्कीम में जवानों और अफसरों की पेंशन के बीच भारी अंतर कर रखा है. बैटल कैटेगरी में भी सैनिकों के साथ भेदभाव किया गया है. भूतपूर्व सैनिक की विधवा को भी बहुत कम पेंशन दी जा रही है, जिसे 50 करने की मांग की गई है. मिलिट्री सर्विस पे में भी जवान और अफसर के बीच काफी भेदभाव है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तक हमारी आवाज पहुंचने पर जरुरी सुनवाई होगी. प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था कि वह सौ दिन के अंदर पूरा किया. केंद्र सरकार का विरोध नहीं करते है, लेकिन 24 घंटे बॉर्डर पर खड़े रहने वाले जवान को सब की तरह सामान वेतन मिले. जवानों के साथ भेदभाव नहीं किया जाए. जो देश के लिए हर समय जीने मरने के लिए तैयार रहते हैं.

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