अतिक्रमण के चलते जाम से जूझ रहे लोगइसी रोड से आवाजाही करते हैं बड़े प्रशासनिक अधिकारी

Update: 2023-04-17 07:01 GMT

हिसार न्यूज़: दिल्ली-आगरा हाईवे को जोड़ने वाली शहर की प्रमुख दो रोड पर अतिक्रमण के चलते यातायात व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है. इन दोनों रोड पर जहां एक ओर दुकानदारों ने अतिक्रमण किया हुआ है, वहीं रेहड़ी व ऑटो वालों का पूरी तरह अवैध कब्जा है. यह अव्यवस्था शहर के मुख्य द्वार व चावला कॉलोनी 100 फुट रोड पर सुबह-शाम ज्यादात्तर रहती है.

शहरवासियों को 4 मिनट पर का सफर 40 मिनट में तय करना पड़ता है. हैरानी की बात तो यह है कि इन्हीं रोड से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी आवाजाही करते हैं, बावजूद इसके कोई भी इस अव्यवस्था को ठीक नहीं करा पा रहा है. बल्लभगढ़ शहर से हाइवे पर आने के लिए दो द्वार है. एक द्वार शहर से बस अड्डा मार्केट से होकर हाईवे से मिलता है और दूसरी चावला कॉलोनी से होकर रेस्ट हाउस के सामने से नेशनल हाइवे से जुड़ता है. शहर से बस अड्डा मार्केट से होकर बाहर निकलने वाले गेट से पहले आगे रेहड़ी वालों, ऑटो वालो सहित दुकानदारों का अतिक्रमण हर समय बना रहता है.

ऑटो वाले फरीदाबाद, बदरपुर बॉर्डर व बी.के अस्पताल की ओर जाने वाली सवारियों को भरने के लिए अपने-अपने ऑटो को आडा-तिरछा लगा देते हैं. इसी प्रकार फल सहित अन्य सामान बेचने वाले अपनी-अपनी रेहडियों को लेकर कहीं पर भी खड़े हो जाते हैं. इतना ही नहीं बस अड्डा मार्केट से लेकर हाइवे तक दुकानदारों ने भी अतिक्रमण किया हुआ है. हाइवे पर भी ऑटो वालों का अतिक्रमण बेहद ज्यादा है. इस कारण सुबह 7 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक और शाम को 5 बजे के बाद इस पूरे क्षेत्र में जाम जैसी स्थिति बनी रहती है. इस अव्यवस्था के चलते लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसी प्रकार चावला कॉलोनी रेस्ट हाउस के आसपास व हाइवे पर रेहड़ी वालों व ऑटो वाला का अवैध कब्जा रहता है. इस कारण यहां पर अक्सर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है. इसके अलावा चावला कॉलोनी 100 फुट रोड पर दुकानदारों का अतिक्रमण काफी ज्यादा है.

चावला कॉलोनी और बस अड्डा पुलिस चौकी इंचार्ज को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह सुबह के समय पुलिसकर्मी तैनात करें ताकि जाम नहीं लगे और लोगों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े.

-सत्यवान, शहर थाना प्रभारी, बल्लभगढ़

एसडीएम, डीसीपी, एसीपी, तहसीलदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी इन्हीं रोड से आवाजाही करते हैं. अधिकारियों के सायरन सुनते ही ऑटो वाले और रेहड़ी वाले एक तरफ हो जाते हैं, लेकिन उनके निकलते ही वापस स्थिति बदहाल हो जाती है. इस अवस्था को देखने के बावजूद किसी भी विभाग का अधिकारी लोगों की समस्या को सुलझाने का प्रयास नहीं कर रहा है.

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