रोहतक में सजा जीवित मुर्दों का दरबार, मृत दिखाकर पेंशन कटने से लोगों का फूटा गुस्सा
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रोहतक। 102 साल के दादा दुलीचंद की पेंशन कटने के विरोध में जैसे ही बारात निकली तो सरकार झुकने पर मजबूर हो गई और दादा की पेंशन वापस शुरू हो गई। इसे देखकर कई और बुजुर्गों में भी उत्साह जाग उठा है। इसी के चलते मंगलवार को रोहतक में ऐसे ही बहुत से बुजुर्ग पहुंचे, जिन्हें सरकारी रिकॉर्ड में मृत दिखाकर उनकी पेंशन काट दी गई है। इसके बाद दादा दुलीचंद के दरबार में जीवित मुर्दे पहुंच गए और सरकार को जमकर कोसा। यही नहीं आप पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जैन ने भी ऐलान कर दिया कि सरकार अगर पेंशन नहीं बनाएगी तो वह इन बुजुर्गों के खाते में पेंशन भेजेंगे।
पेंशन कटने के चलते अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हुए लोग
दरअसल जीवित होते हुए सरकारी रिकार्ड में मृत दिखा कर हरियाणा में बुढ़ापा, विकलांग, विधवा पेंशन काटे जाने के बाद पीड़ितों ने कहा कि पिछले आठ नौ महीने से उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। जब पेंशन कटने को लेकर अधिकारियों के ऑफिस गए तो अधिकारियों ने बताया कि आप सरकारी रिकार्ड में मृत हो। जीवित होने के बावजूद इन लोगों को मृत दिखाकर पेंशन काटी गई है। पीड़ितों ने कहा कि बार-बार अधिकारियों के चक्कर काटने के बावजूद भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल रहा है।
नवीन जयहिंद ने कहा, अगर सरकार से नहीं होता तो हम देंगे पेंशन
नवीन जयहिंद ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन लोगों को पेंशन नहीं दे सकते तो किसी को मृत क्यों बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की आवाज उठाने के लिए विरोध स्वरूप बारात निकाली जाएगी। मंगलवार को भी दादा दुलीचंद के दरबार में तीस पीड़ित बुजुर्ग, विधवा और विकलांग पहुंचे। किसी को मृत दिखाकर तो किसी की आय ज्यादा बता कर उनकी पेंशन काटी गई है। उन्होंने कहा कि इन पीड़ितों को सरकार व अधिकारियों के चक्कर नही काटने पड़ेंगे। जयहिंद ने कहा कि जो मेरे पास आएगा, हम उनके खातों में पेंशन देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार से अपील है कि कम से कम जीवित लोगों को मृत न दिखाएं और इनकी समस्या का समाधान किया जाए।