भिवानी। शहर में कर्मचारियों के बाद अब सिंचाई विभाग से संबंधित ठेकेदार भी सरकार के खिलाफ उतर चुके है। उनका कहना है कि जब मांगे पूरी न होने तक किसी भी टेंडर अलॉटमेंट प्रक्रिया में हिस्सा न लेने का ऐलान किया है, जिससे नहर की सफाई, माईनर की लाइटिंग तथा सिंचाई विभाग से संबंधित अन्य विकास कार्यों पर विराम लग जाएगा। जिसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ेगा। बता दें कि शहर के सिंचाई विभाग गेस्ट हाउस में भिवानी व दादरी जिला से संबंधित ठेकेदारों की मीटिंग आयोजित हुई। इस दौरान ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बैठक के दौरान सिंचाई विभाग से संबंधित ठेकेदारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा हुई।
ठेकेदारों ने जीएसटी 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की गई, उसे वापस घटाकर 12 प्रतिशत किए जाने, अधिक ली गई राशि को वापिस की जाए, ठेकेदारों द्वारा विभाग को दी जाने वाली सेवाओं को जीएसटी ठेकेदार की बजाए विभाग वहन करें, ठेकेदारों का लंबे समय से लंबित पड़ी भुगतान राशि दी जाए। इस मौके पर बालकिशन ठेकेदार ने कहा कि करीब 6 माह से वे अपनी मांगों को लेकर सरकार व अधिकारियों के दफ्तर की धूल फांकने को मजबूर है, लेकिन उसका कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि वे अपना मेहनताना दिए जाने की मांग को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे है, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि अपने मेहनताने की मांग को लेकर लंबे समय से भटक रहे ठेकेदारों के समक्ष अब अपने परिवार की भरण-पोषण की समस्या भी बनी हुई है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब वे किसी भी टेंडर अलॉटमेंट प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे।