हरियाणा में घपले-घोटालों की चल रही है गठबंधन सरकार

हरियाणा में घेपले-घोटालों के गठबंधन की सरकार चल रही है।

Update: 2022-04-29 11:04 GMT

चंडीगढ़ : हरियाणा में घेपले-घोटालों के गठबंधन की सरकार चल रही है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। उनका कहना है कि पूरे प्रदेश में यमुना से लेकर डाडम तक हो रहा हजारों करोड़ का खनन घोटाला सरकारी संरक्षण के बिना संभव नहीं है। भिवानी के डाडम में अवैध खनन ने 5 मजदूरों के बाद 2 और लोगों की जान ले ली। बावजूद इसके आज तक खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मृतकों के परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए मांग करी कि खनन क्षेत्र में हादसे के शिकार मजदूरों व कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा, एक-एक नौकरी व न्याय मिले।

हुड्डा ने कहा कि खनन माफिया को खुली छूट देने का नतीजा है कि वो इतने लोगों की इतने लोगों की जानें लेने के बाद भी बेखौफ खनन कर रहा है। इसी साल एक जनवरी को डाडम में अवैध खनन के चलते 5 लोगों की जान चली गयी थी। तब भी सरकार ने ना तो हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच करवाने की मांग मानी और ना ही एनजीटी द्वारा खनन कंपनियों पर 7.5 करोड़ रुपये के जुर्माने को वसूलने की कोई कार्रवाई की। आखिर सरकार खनन कंपनियों के खिलाफ उदहारण पेश करने वाली कार्रवाई करने से क्यों बच रही है? सरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच से क्यों भाग रही है? सरकार के रवैये से स्पष्ट है कि उसकी मंशा पूरे मामले की लीपापोती कर छोटी मछलियों को फंसाने और बड़े मगरमच्छों को बचाने की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज पूरा प्रदेश खनन माफिया की गिरफ्त में है। अवैध खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि डाडम से लेकर यमुना तक में जमकर अवैध खनन हो रहा है। उसने यमुना के किनारे ताजेवाला हेडवर्क्स और एचकेबी बैराज को भी खतरे में डाल दिया है। खनन माफिया ने अवैध खुदाई करके यमुना की धारा तक को बदल दिया। केन्द्र सरकार द्वारा किये गये एक अघ्ययन से पता चला है कि हरियाणा सरकार की गलत नीतियों के चलते राज्य में कुल वन क्षेत्र महज 3.63 प्रतिशत रह गया और पेड़ों की तादाद 2019 तक घटकर 140 स्क्वॉयर किलोमीटर रह गयी है।
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