Chandigarh,चंडीगढ़: स्थानीय अदालत ने गलत तरीके से रोकने और आपराधिक धमकी के एक मामले में एक पुलिस इंस्पेक्टर और दो अन्य को छह-छह महीने की कैद की सजा सुनाई है। तीनों दोषियों में इंस्पेक्टर वीरेंद्र शर्मा, Inspector Virendra Sharma, सतीश और विक्रम पाल शामिल हैं। शिकायतकर्ता ओम उप्पल ने बताया कि उन्होंने 31 मई 2012 को वीरेंद्र शमा के खिलाफ सेक्टर 14, पचकूला पुलिस स्टेशन में लॉक अप में बंद करने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब उन्होंने हाईकोर्ट में रिट दायर की, तो हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
हरियाणा सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इंस्पेक्टर शर्मा को स्थानांतरित करने के लिए पुलिस विभाग को आदेश पारित किया। इंस्पेक्टर द्वारा सिविल रिट याचिका दायर करने के बाद हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश पर रोक लगा दी। शिकायतकर्ता ने कहा कि 16 अगस्त, 2017 को शर्मा ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर पंचकूला के मिनी सचिवालय में उप्पल के सामने उनकी गाड़ी रोकी और धमकी दी कि अगर वह इंस्पेक्टर द्वारा दायर सीडब्ल्यूपी के संबंध में हाईकोर्ट में पेश हुए और जवाब दाखिल किया तो वे उन्हें झूठे एनकाउंटर में मार देंगे। उप्पल ने इंस्पेक्टर और अन्य के खिलाफ पुलिस विभाग में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कोर्ट में कहा कि उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने माना कि शर्मा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें गलत तरीके से रोका और धमकाया।