हरियाणा। रेलवे जगाधरी वर्कशॉप में स्क्रैप घोटाले में सीबीआई ने 9 रेल अफसरों और 3 प्राइवेट कंपनियों के प्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार सहित साजिश रच घोटाला करने का केस दर्ज किया है। विजिलेंस ने तीन ऐसे ट्रकों को पकड़ा जिनमें नीलाम किए गए स्क्रैप के वजन से अधिक था। विजिलेंस ने रेलवे के और बाहर कांटे पर वजन कराया तो इसमें काफी अंतर आया।रेलवे के धर्मकांटे में चिप लगाकर कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कौड़ियों के भाव स्क्रैप बेच दिया जाता था। रेलवे के कांटे पर रेल संपत्ति तुलाई में कम दिखाता था, जबकि यही माल अधिक लोड हुआ होता था। उत्तर रेलवे की विजिलेंस ने ऐसे ही तीन ट्रकों को पकड़ा, जिनमें स्क्रैप की तुलाई कम दिखा रखी थी, जबकि ट्रक में माल ज्यादा लोड हुआ पड़ा था। विजिलेंस ने बाहर से भी धर्मकांटे पर तुलाई करवाई और दोनों में काफी अंतर पाया गया।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने शोभन चौधरी ने मामले को सीबीआई से जांच करवाने की सिफारिश की थीं। सीबीआई ने जिन अफसरों पर मामला दर्ज किया है उनमें सीडीएमएस रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इनमें चीफ डिपो मेटीरियल, सुपरवाइजर (सीडीएमएस) प्लानिंग जगाधरी वर्कशॉप, एएसआई आरपीएफ, सीडीएमएस सेल्स शामिल हैं। सीबीआई ने मोहन लाल सीडीएमएस डिलीवर टीम मेंबर नोटिफाइड, गुरमीत सिंह सीडीएमएस/एडीसी इंचार्ज, रमेश चंद्र सीडीएमएस एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल (एडीसी), विनोद कुमार आफिसर सुपरिंटेंडेंट सेल्स, गुरमीत गुलाटी सीनियर स्टाक वेरीफायर, अरविंद कुमार एएसआई आरपीएफ, चंद्र शेखर प्रतिनिधि मैसर्ज केसी एंड संस, रमेश कुमार प्रतिनिधि विशाल ट्रेडर्स, मनदीप एनुअल मेंटीनेंस कांट्रेक्टर (एएमसी) पर भी केस दर्जकिया है।
ऐसे की गड़बड़ी
जगाधरी वर्कशॉप के अधिकारी अपने कांटे को ठीक होने का दावा करते रहे, जबकि बाद में जांच हुई तो पता चला कि कांटे में ही चिप लगी थी। इस चिप के माध्यम से रेलवे का माल ट्रकों में अधिक लोड करके भेजा जाता था और नीलामी का पैसा खजाने में कम आता था।