ऑटो चालकों की क्यूआर कोड, यूनिक आईडी से पहचान होगी

चालकों की मनमानी पर रोक लगेगी

Update: 2023-09-29 05:04 GMT

गुडगाँव: यातायात पुलिस प्रशासन शहर में परिचालित सभी ऑटो चालकों को एक यूनिक आईडी देगा. उसपर क्यूआर कोड होगा. उसे ऑटो के आगे चस्पाना अनिवार्य होगा. अधिकारियों का दावा है कि इससे शहर में वारदातें कम होगी. साथ ही ऑटो चालकों की मनमानी थमेगी. यूनिक आईडी और क्यूआर कोड की मदद से गुंडागर्दी करने वाले ऑटो चालकों को जेल पहुंचाना आसान होगा.

स्मार्ट सिटी को औद्योगिक नगरी के रूप में भी जाना जाता है. यहां 25 हजार से अधिक छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयां है. इनमें आठ लाख से अधिक कामगार हैं. शहर स्थित कंपनियों में काम करने वाले ज्यादातर लोग गंतव्य तक पहुंचने के लिए ऑटो का ही सहारा लेते हैं. दिल्ली-आगरा हाईवे समेत शहर के अधिकांश अंदरूनी सड़कों पर व्यस्त समय में ऑटो पकड़ने की मारामारी रहती है. ऑटो चालकों में भी सवारी के लिए आपाधापी रहती है. ऐसे में सवारियों को ऑटो चालकों की मनमानी का सामना करना पड़ता है. वह मनमाफिक सवारी तो बिठाते ही हैं, मनमाना किराया वसूलते हैं. इस दौरान कहासुनी में सवारियों के साथ मारपीट करते हैं. लिहाजा स्मार्ट सिटी में ऑटो चालकों की मनमानी को रोकने के लिए पुलिस सभी को युनिक आईडी देने का फैसला लिया है. यह फैसला पुलिस मुख्यालय के आदेश पर लिया गया है. वहीं पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि सभी ऑटो चालकों को डायल-112 ऐप पर भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इससे उसे दी जाने वाली यूनिक आईडी को जोड़ा जाएगा. ऑटो चालक अगर सवारी से बदसलूकी, मारपीट या लूटपाट करते हैं तो पीड़ित ऑटो की फोटो खींचकर या कॉल कर जानकारी डायल-112 व नजदीकी थाना को दे सकते हैं. पुलिस ऐप के माध्यम से ऑटो चालक की पहचान कर, उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी.

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