गुडगाँव: नगर परिषद शहर को आवारा घूमने वाले पशुओं से मुक्त किया जाएगा. इसके लिए शहर में आवारा घूमने वाले वाले पशुओं की धड़पकड़ के लिए अभियान शुरु किया जाएगा. पशुओं को सिलानी की गौशाला में बंद कराया जाएगा.
नगर परिषद प्रशासन ने करीब एक माह पहले उच्चाधिकारियों को शहर में आवारा घूमने वाले पशुओं की धड़पकड़े किए जाने को लेकर पत्र लिखा था. जिसमें शहर को आवारा घूमने वाले पशुओं से मुक्त करने के लिए अभियान चलाने की मांग की गई थी. जिसकी मंजूरी नगर परिषद प्रशासन को मिल गई है. परिषद अधिकारी बहुत ही जल्द शहर को आवारा घूमने वाले पशुओं से मुक्त कराने का अभियान चलाएगी.
150 से 200 आवारा पशु सुबह सूरज निकलने से पहले प्रभातकाल में ही शहर की अलग-अलग दिशाओं से आवारा घूमने वाली गाय व सांड सड़क पर छोड़ दिए जाते है. जिनकी संख्या वर्तमान में 150 से 200 के लगभग है. आवारा घूमने वाले पशुओं की सबसे ज्यादा संख्या अनाज व सब्जी मंडी में होती है. इसके अलावा बालूदा मार्ग, बस स्टैंड, शहर की चूंगी नंबर दो, सांप की नंगली चौक, पुराना बस स्टैंड गुरुद्वारा, अग्रसैन चौक, बाईपास चौक, अस्पताल मार्ग और पुरानी आबादी वाले वार्डो की गली मौहल्लों में इनका आतंक छाया हुआ है.
दूध की डेयरी चलाने वालों के हैं लावारिस पशु
लावारिस घूमने वाले आबादी क्षेत्र में दूध की डेरियां चलाने वालों के है. आवारा पशुओं का दूध निकालने के बाद सुबह सड़को पर छोड़ दिया जाता है. दिन ढ़लने 80 फीसदी अपने आप घर पर पहुंच जाते है. 20 फीसदी को मालिक शहर में चक्कर लगाकर तलाश होने पर घर ले जाते है.
आवारा घूमने वाले पशुओं के खिलाफ जल्द ही अभियान चलाया जाएगा. जिन्हे सिलानी स्थित गौशाला में छोड़ा जाएगा. जहां पर 50 रुपये गाय व 75 रुपये सांड का एक दिन का जुर्माना देकर छूडाना होगा.
-प्रवीण कुमार, सचिव नगर परिषद