तीन महीने के बाद मिला 2 रुपये का चेक, हरियाणा में एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने बांटी मिठाइयां

तीन महीने के बाद मिला 2 रुपये का चेक

Update: 2022-06-04 10:57 GMT
सिरसा: हरियाणा में एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने शुक्रवार को तीन महीने बाद महज दो रुपये का चेक मिलने (check of Rs 2 to RTI activist) पर मिठाई बांटी है. तरूण भाटी को ये दो रुपये का चेक सिरसा पब्लिक हेल्थ विभाग (Sirsa Public Health Department) से मिला है. इस खुशी में आज शिकायतकर्ता तरुण भाटी ने पब्लिक हेल्थ विभाग में मिठाई बांटी.मामला क्या है- सिरसा के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता तरुण भाटी (RTI activist Tarun Bhati) ने 5 फरवरी 2022 को जन स्वास्थ्य विभाग (Public Health Department Haryana) में एक आरटीआई लगाई थी. जिसकी 28 रुपये फीस बनती थी और जन स्वास्थ्य विभाग ने 28 रुपये के डाक टिकट की मांग की. लेकिन तरुण को 30 रुपये के डाक टिकट मिले क्योंकि 28 रुपये के डाक टिकट नहीं आते. ऐसे में उन्होंने 28 रुपये कैश देने की बात कही लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं मानी.
तरुण भाटी के मुताबिक विभाग उनसे कैश लेकर उसकी स्लिप दे सकता था लेकिन मुझसे 30 रुपये के आईपीओ (Indian Postal Order) लगवाया गया और मुझसे 2 रुपये अतिरिक्त लिए गये. आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक ऐसा मुझे परेशान करने के लिए किया गया. जिसके बाद मैंने विभाग से 2 रुपये वापस देने की मांग की थी.विभाग को भेजा था नोटिस- 2 रुपये ज्यादा लेने पर तरुण ने लिखित में शिकायत दी थी. विभाग द्वारा आरटीआई की एवज में दो रुपये अतिरिक्त लेने पर तरुण भाटी ने जन स्वास्थ्य विभाग को एक लीगल नोटिस भेजा था. तरुण भाटी ने कहा था कि ये दो रुपये मेरा हक है और इसे लेकर रहूंगाा. भले मुझे इसके लिए कोर्ट तक क्यों ना जाना पड़े. भाटी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री करोड़ों की योजनाओं की सौगात दे सकते हैं तो फिर उनके दो रुपये लौटाने में क्या आपत्ति है. इस पूरे मामले में अब जन स्वास्थ्य विभाग ने 2 रुपये का चेक डाक के द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता को भिजवाया है.
प्रधानमंत्री राहत कोष में भेजेंगे 2 रुपये- विभाग की ओर से तीन महीने के बाद 2 रुपये का चेक मिलने के बाद तरुण भाटी ने जन स्वास्थ्य विभाग (Haryana Public Health Department) के कार्यालय में कर्मचारियों और कार्यालय के बाहर मौजूद लोगों को लड्डू बांटे. भाटी ने कहा कि बात सिर्फ 2 रुपये की नहीं है. ये एक तरह का भ्रष्टाचार है और आम लोगों को परेशान करने की नीयत है. मीडिया और मुख्यमंत्री के डर से अधिकारियों ने ये 2 रुपये लौटाए हैं. दरअसल भाटी ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वो मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे. आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि जब कोई उपभोक्त बिजली या पानी का बिल भरता है तो विभाग आपसे एक रुपये भी कम नहीं लेता फिर किसी नागरिक से ज्यादा कैसे वसूल सकते हैं. तरुण भाटी ने कहा कि ये 2 रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करवाएंगे.
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