हरियाणा: खिलाड़ी के आरोपों के बाद द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच पर जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज

हरियाणा के भिवानी में द्रोणाचार्य अवॉर्डी बॉक्सिंग कोच जगदीश पर एक नाबालिग खिलाड़ी ने खेल प्रतियोगिता के दौरान गाली-गलौज व अभद्रता किए जाने के आरोप लगाए हैं।

Update: 2022-04-14 19:00 GMT

हरियाणा के भिवानी में द्रोणाचार्य अवॉर्डी बॉक्सिंग कोच जगदीश पर एक नाबालिग खिलाड़ी ने खेल प्रतियोगिता के दौरान गाली-गलौज व अभद्रता किए जाने के आरोप लगाए हैं। इस मामले में शहर थाना पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस (जेजे) एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पीड़ित खिलाड़ी ने बाल कल्याण समिति भिवानी को भिवानी बॉक्सिंग क्लब के कोच जगदीश के खिलाफ शिकायत दी थी। समिति की सिफारिश पर शहर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है।

सदर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव निवासी 13 वर्षीय बॉक्सिंग खिलाड़ी ने समिति को दी शिकायत में बताया था कि 12 अप्रैल को 46 से 49 किलोग्राम भार वर्ग बीच साई हॉस्टल में हुए मुकाबले में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की उम्र ज्यादा होने की बात रखी थी। इस संबंध में बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ भिवानी के प्रधान व महासचिव को शिकायत दी थी।
इसके बाद प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के उम्र के प्रमाणपत्र मांगे गए। इस पर भिवानी बॉक्सिंग क्लब के कोच जगदीश ने नाबालिग खिलाड़ी के साथ गाली-गलौज व अभद्रता की। साथ ही उसके भविष्य को खराब कर देने की धमकी देकर उसे वहां से भगा दिया। बाल कल्याण समिति भिवानी के सदस्य रमेश कुमार, रोशनलाल और सतेंद्र सिंह ने नाबालिग खिलाड़ी की काउंसिलिंग कराई।
काउंसलिंग के दौरान खिलाड़ी के मानसिक शोषण की रिपोर्ट भी तैयार की गई। इसके बाद आरोपी भिवानी बॉक्सिंग क्लब के कोच जगदीश के खिलाफ बाल कल्याण समिति भिवानी सदस्यों ने शहर थाना पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज किए जाने की अनुशंसा की।

मामले की जांच की जा रही है
बाल कल्याण समिति भिवानी की तरफ से एक दरखास्त मिली थी। नाबालिग खिलाड़ी ने भिवानी बॉक्सिंग क्लब के कोच जगदीश पर उसके साथ गाली-गलौज व अभद्रता करने के आरोप लगाए थे। इस संबंध में पुलिस ने आरोपी कोच जगदीश पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। - नरेंद्र सिंह, एसएचओ शहर थाना पुलिस भिवानी।

आरोप गलत हैं, एक व्यक्ति मैच में डाल रहा था व्यवधान
जो आरोप लगाए गए हैं, वे गलत हैं। मैंने आरोप लगाने वाले खिलाड़ी को तो अब तक देखा ही नहीं है। प्रतियोगिता के फाइनल मैच के दौरान एक व्यक्ति आया था, जो मैच में बाधा डाल रहा था। वह बोल रहा था, मैं समाज कल्याण विभाग में हूं और मेरे को एक खिलाड़ी का जन्म प्रमाणपत्र चाहिए। सेक्रेटरी अशोक ने उसके आवेदन पर यह लिख दिया था कि जन्म प्रमाणपत्र हमारे से संबंधित नहीं होता। संबंधित विभाग से प्रमाणपत्र लें। इसके बावजूद वह व्यवधान डाल रहा था। उसके बॉक्सिंग संघ की खिलाफ कार्रवाई जिला समिति समाज कल्याण विभाग को लिखा जाएगा। मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की मुझे कोई जानकारी नहीं है। - जगदीश सिंह, बॉक्सिंग कोच, द्रोणाचार्य अवॉर्डी।


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