मैसेज पर क्लिक करने से खाता हो सकता है साफ

Update: 2023-04-12 12:45 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरह पुलिस ने भी ट्रैफिक चालान के मैसेज से की जा रही साइबर ठगी को लेकर अलर्ट जारी किया है. पुलिस का कहना है कि मोबाइल फोन पर वाहनों के चालान कटने के मैसेज पर जिलावासी ध्यान न दें. उसपर क्लिक न करें. इससे उनका बैंक खाता साफ हो सकता है.

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि मौजूदा समय में साइबर ठगी का दायरा बढ़ गया है. सक्रिय अपराधी लोगों को मिलने वाली सुविधाओ को ठगी करने का जरिया बना लिया है. ऐसे में वह मोबाइल फोन पर तरह-तरह मैसेज भेज रहे हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार कुछ ऐसी शिकायतें भी मिली है, जिसमें लोगों के मोबाइल फोन पर उनके वाहन के चालान कटने का मैसेज पहुंच रहे है. साइबर ठग मैसेज के माध्यम से उन्हें कुछ मिनटों में चालान की राशि को भुगतान करने का संदेश दे रहे हैं. लिहाजा ऐसे मैसेज से बचें. नहीं तो साइबर ठग उनके बैंक खाता से पैसा निकाल सकते हैं.

ये सावधानी बरतें:

● अंजान नंबर से आने वाले मैसेज को खोलें .

● ट्रैफिक चालान के मैसेज की पुष्टि करें.

● यातायात पुलिस के मैसेज में कोर्ट में भुगतान करने की बात लिखी रहती है.

● संबंधित यातायात थाना में पहुंचकर चालान की पुष्टि करें.

● लोगों को चाहिए कि पोस्टल चालान के घर पर पहुंचने का इंतजार करें.

● साइबर ठगी की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें

साइबर अपराधी इस तरह से भेज रहे हैं मैसेज:

पुलिस के अनुसार बिजली बिल के भुगतान करने के मैसेज तो लोगों के मोबाइल फोन पर आ ही रहे हैं. अब वाहनों के चालान कटने के मैसेज भी लोगों के फोन पर आने शुरू हो गए. मैसेज में लिखा रहता है कि वाहन चालक चालान के जुर्माने को 10 मिनट या दो घंटे में चालान की राशि का भुगतान करें. साथ ही उसपर एक लिंक भी रहता है, जिसपर क्लिक कर जुर्माने की राशि को ऑनलाइन भुगतान करने को कहा जाता है. पुलिस का कहना है कि वह मैसेज फेक होते हैं, इसलिए लोग सावधानी बरतें. पुलिस के अनुसार आजकल ऑनलाइन गेम में टास्क दिया जा रहा है. इसके माध्यम से भी ठगी बढ़ रही है.

मोबाइल फोन पर आने वाले मैसेज में लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. ट्रैफिक चालान के मैसेज को लोग क्लिक न करें. उसकी पूरी तरह से पुष्टि कर लें. घर पर पोस्टल चालान आने का इंतजार करें. सावधानी से वह साइबर ठगी के शिकार होने से बच सकते हैं. - -पूजा वशिष्ठ, डीसीपी साइबर क्राइम.

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