गुडगाँव न्यूज़: नगर निगम ने 12 माह में शहर की सफाई व्यवस्था पर करीब 490 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. इतनी बड़ी रकम खर्च के बाद भी शहर के हालातों में सुधार नजर नहीं आ रहा है. शहर में सार्वजनिक जगहों पर लगे कचरे के ढेर को दस-दस दिन तक उठाए नहीं जा रहे हैं. वहीं सार्वजनिक शौचालयों के हालातों में भी कोई सुधार नहीं हुआ है.
शहर में करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी जमीनी स्तर पर बदलाव नहीं होने से निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठ रहा है. नगर निगम ने शहर की सड़कों व गलियों पर झाडू लगाने के लिए 11 निजी एजेंसियों के करीब 2900 निजी सफाई कर्मचारियों को लगाया हुआ है. इन एजेंसियों को निगम ने बीते साल करीब 240 करोड़ का भुगतान कर दिया है, लेकिन हालात यह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शहर में 40 ऐसी सड़कें मौजूद है जहां सबसे ज्यादा धूल उठती है. जिस कारण शहरवासियों को साल के 200 दिनों तक जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ता है.
भूमिगत कूड़ा घर बनाने की योजना फेल नगर निगम ने 2017 में शहर के 20 से ज्यादा कूड़ा घरों को विदेशों की तर्ज पर भूमिगत बनाने की योजना तैयार की थी, लेकिन आज तक भी इन कूड़ा घरों को भूमिगत नहीं बनाया गया है और ना ही इन कूड़ा घरों से समय के अनुसार कचरा उठाया जा रहा है. कूड़े के ढेरों के साथ स्थानीय लोगों व राहगीरों को बदबूदार हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ रहा है.
निगम ने सीएंडडी वेस्ट के ढेरों को समाप्त करने के लिए बीते साल 60 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया जा चुका है, लेकिन शहर में लगे ढेरों को समाप्त नहीं किया गया है. वहीं सीएंडडी वेस्ट का निस्तारण कर उनकी टाइलें बनाने की योजना भी ठंडे बस्ते में है.
ऐसे किए करोड़ों खर्च
झाडू लगाने के लिए 240 करोड़
घर से कचरा उठाने में 80 करोड़
सीएंडडी वेस्ट 60 करोड़
कचरा निस्तारण पर 100 करोड़
शौचालयों-अन्य खर्च 10 करोड़
20 फीसदी घरों से नहीं उठ रहा कचरा
नगर निगम द्वारा घर-घर से कचरा उठाने के नाम पर निजी एजेंसी को बीते 12 माह में 80 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन हालात यह है कि शहर में 20 फीसदी घरों में आज भी रोजाना कचरा नहीं उठ रहा है. कचरा नहीं उठाने को लेकर रोजान 40 से ज्यादा शिकायतें निगम के पास रोजाना पहुंच रही है.
ये कार्य नहीं हुए
शौचालयों पर ध्यान नहीं
शहर में नगर निगम के पास करीब 108 सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव के लिए निजी एजेंसियों को टेंडर जारी किया हुआ है, लेकिन सार्वजनिक शौचालयों में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है.
जुर्माना भी लग चुका
बंधवाड़ी प्लांट में बीते तीन साल से कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण नहीं होने से पर्यावरण का भारी नुकसान हो रहा है. इसको लेकर एनजीटी द्वारा सरकार पर सौ करोड़ का जुर्माना भी लगाया जा चुका है.
वहीं, सेक्टर-44 गांव कन्हई, भीम नगर बस स्टॉप, सदर बाजार समेत 20 जगहों पर अवैध कूड़ा घर खुले में चल रहे हैं, स्थानीय लोगों की तरफ से सैंकड़ों बार शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हो रहा है.
सफाई व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है. अवैध कूड़ा घरों को बंद किया जा रहा है. कचरा नहीं उठाने वाली एजेंसियों पर जुर्माना लगाया जा रहा है.
-डॉ नरेश कुमार, संयुक्त आयुक्त