कॉल सेंटर खोलकर विदेशी नागरिकों को ठगने वाले 14 दबोचे

Update: 2023-06-12 10:20 GMT

गुडगाँव न्यूज़: विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का साइबर थाना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने कॉल सेंटर संचालक समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी कस्टमर सर्विस के नाम पर ठगी करते थे. पुलिस ने मौके से 14 लैपटॉप और पांच मोबाइल बरामद किए.

साइबर क्राइम थाना पूर्व के प्रभारी इंस्पेक्टर जसवीर पुनिया की टीम को सूचना मिली कि सेक्टर-49 स्थित यूनिवर्सल ट्रेड टावर के मकान में फर्जी कॉल सेंटर खोलकर विदेशी नागरिकों से ठगी की जा रही है. इस पर एसीपी साइबर विपिन अहलावत की अगुवाई में टीम गठित कर मौके पर छापेमारी की गई. रेड के दौरान पुलिस ने पाया कि कॉल सेंटर को फर्जी तरीके से संचालित किया जा रहा है और विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगा जा रहा है. पुलिस ने कॉल सेंटर के संचालक सहित 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मामले में कॉल सेंटर संचालक आदित्य सिंह, अंकित चड्डा, आकाश सेन, सूरज मिश्रा, आयुष सक्सेना, हेमंत शर्मा, संजीव शुक्ला, अजय कुमार, आशुतोष शर्मा, पंकज कुमार, तुषार कुमार और आरोपी महिला राजदीपा दास गुप्ता उर्फ जेनी, देविका पुरानदे, मनीषा को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों से 14 लैपटॉप और 5 मोबाइल बरामद किए.

रिमोट एक्सेस लेकर ठगी करते थे जालसाज

कॉल सेंटर के संचालक ने बताया कि कस्टमर जब टोल फ्री नंबर पर कॉल करता था तो वह कॉल इनके पास वेंडर के माध्यम से कनेक्ट होती थी. कस्टमर इन्हें अपनी परेशानी बताते तो ये पहले उन्हें अपने विश्वास में लेते और उसकी समस्या दूर करने के नाम पर एनिडेस्क आदि एप्लिकेशन के माध्यम उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते थे. फिर समस्या को दूर करने के नाम पर कॉलर से 100-500 डॉलर की ठगी कर लेते थे.

शहर में सात दिन में तीन कॉल सेंटर पकड़े गए

साइबर पुलिस इन दिनों गुरुग्राम में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर नकेल कस रही है. पुलिस ने सात दिनों में विदेशी नागरिकों को कस्टमर स्पोर्ट देने के नाम पर ठगी करने वाले तीन फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया. इन कॉल सेंटर में संचालक समेत 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.जबकि साइबर पुलिस बीते दो सालों में अब तक 60 से ज्यादा फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ चुकी है.

टोल फ्री नंबर बदल देते थे

कॉल सेंटर संचालक आदित्य सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि 13 कर्मचारियों के साथ मिलकर यह काल सेंटर चला रहा था. सभी को कस्टमर सर्विस के लिए वेतन और कमीशन पर रखा था. आरोपी रियल पीबीएक्स डॉयलर के माध्यम से टोल फ्री नंबर पर आने वाली कॉल को सुनते थे और विदेशी नागरिकों का ऑर्डर लेने के बाद ऑर्डर रद्द करने की बातें कहकर उनके लिए समस्या पैदा करते थे. ये ठगी करने के बाद टोल फ्री नंबर को भी बदल देते थे.

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