लव मैरेज के लिए एक अभिभावक के हस्ताक्षर को अनिवार्य बनाने की पाटीदार समुदाय ने की मांग

गुजरात में पाटीदार समुदाय के सदस्यों ने बुधवार को लव मैरेज को लेकर एक मांग उठाई. उन्होंने कहा कि अगर समुदाय की कोई लड़की उसके माता-पिता की सहमति के बिना अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी का निर्णय लेती है तो विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए कम से कम एक अभिभावक के हस्ताक्षर को अनिवार्य किया जाए.

Update: 2022-06-16 02:53 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात में पाटीदार समुदाय के सदस्यों ने बुधवार को लव मैरेज को लेकर एक मांग उठाई. उन्होंने कहा कि अगर समुदाय की कोई लड़की उसके माता-पिता की सहमति के बिना अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी का निर्णय लेती है तो विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए कम से कम एक अभिभावक के हस्ताक्षर को अनिवार्य किया जाए. समुदाय ने कहा, इससे 'लव जिहाद' के साथ ही उन मामलों पर लगाम लग पाएगी, जिनमें समुदाय की लड़कियों को उनके परिवारों के स्वामित्व वाली संपत्ति पाने के लिए निशाना बनाया जाता है. एक प्रमुख पाटीदार संगठन विश्व उमिया धाम के अध्यक्ष आर पी पटेल ने कहा, 'पाटीदार समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल मौजूदा हिंदू विवाह अधिनियम में एक प्रावधान जोड़ने के लिए राज्य सरकार को ज्ञापन देगा.'

'हमारी लड़कियां दबाव में होती हैं…'
इस संबंध में सरकार को ज्ञापन देने का निर्णय बुधवार को अहमदाबाद के पास विश्व उमिया धाम परिसर में 18 पाटीदार संगठनों की बैठक के दौरान लिया गया. पटेल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'पाटीदार समुदाय परेशान है, क्योंकि हमारी लड़कियां माता-पिता को बताए बिना अपना जीवन साथी चुनती हैं और दो गवाहों की व्यवस्था करके शादी कर लेती हैं. कई बार, हमारी लड़कियां दबाव में होती हैं और 'लव जिहाद' की घटना पहले भी हुई है.'
सरकार से मिलने का फैसला
पटेल ने आगे कहा, 'समिति ने इस संबंध में राज्य सरकार से मिलने का फैसला किया है. हम चाहते हैं कि ऐसे मामलों में विवाह पंजीकरण गवाह के रूप में कम से कम एक माता-पिता के हस्ताक्षर के बिना नहीं किया जाना चाहिए. हम चाहते हैं कि सरकार इस पर विचार करे.'
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
पाटिदार समुदाय ने कई और मुद्दों को सरकार के सामने उठाने का प्रस्ताव भेजा है. इसमें दूसरा मुद्दा पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती प्रक्रिया है. समुदाय के नेताओं के संज्ञान में आया है कि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के साथ अन्याय हुआ है. बैठक में जिन कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें प्रबंधन के मुद्दों के कारण गुजरात राज्य अनारक्षित वर्ग आयोग से ऋण प्राप्त करने में समुदाय के युवाओं के सामने आने वाली समस्याएं शामिल हैं.
पटेल ने कहा, 'समिति ने आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदार युवकों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए सरकार को एक प्रतिवेदन देने का भी फैसला किया है.'
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