फेसबुक पर वायरल हुआ था पेपर, चार गिरफ्तार 1 फरार

Update: 2022-04-13 16:12 GMT

गुजरात: कक्षा 10वीं के हिंदी का पेपर चालू परीक्षा के दौरान ही सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया था। इस मामले की जांच में स्पष्ट हुआ कि पेपर दाहोद जिले के संजेली गांव से वायरल हुआ है। यहां से अमित तावियाड नामक शख्स ने पेपर शुरू होने के आधे घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर पेपर लीक करने का खुलासा किया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने 5 के खिलाफ केस दर्ज कर 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है।

फेसबुक पर वायरल हुआ था पेपर
9 अप्रैल को दसवीं कक्षा के हिंदी विषय की परीक्षा थी जिसमें परीक्षा के दौरान ही हिंदी का पेपर अंसर कॉपी के साथ फेसबुक पर वायरल होते ही राज्यभर में हड़कंप मच गया। जिस फेसबुक अकाउंट पर पेपर वायरल हुआ था वह संजेली के चमारीया के होली फलिया में रहने वाले घनश्याम जगदीश चारेल का था। जांच करने पर घनश्याम को जवाब के साथ यह पेपर संजेली निवासी सुरेश दलसिंमग डामोर ने 9687866394 नंबर से वाट्सअप के जरिए 11.52 बजे भेजा था। सुरेश डामोर से पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि उसका बेटा चिराग भी दसवीं की परीक्षा दे रहा है।
अमित के पास पेपर कैसे पहुंचा? जांच बाकी
10वीं का हिंदी विषय का पेपर अमित तावियाड नामक शख्स द्वारा पौने ग्यारह बजे ही सुरेश को भेज दिया गया था, जबकि अमित के पास पेपर कहां से आया इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। पुलिस ने इस मामले में घनश्याम चारेल, सुरेश डामोर, शैलेष पटेल और जयेश डामोर को गिरफ्तार किया है जबकि अमित तावियाड की खोजबीन चल रही है। शनिवार को 10वीं के हिंदी विषय का पेपर था, जो आधे घंटे में ही वायरल हुआ था। ऐसे में शिक्षा बोर्ड द्वारा स्पष्ट किया गया था कि इसे पेपर लीक होना नहीं कहते। जबकि साथ ही शिक्षा बोर्ड द्वारा इस मामले की जांच शुरू की गई है।
अमित ने सुबह 10.47 बजे ही वाट्सअप किया था पेपर
हिंदी विषय के पेपर के लिए मूल महीसागर जिले के कालीबेल निवासी और नानी संजेली में वृंदावन आश्रमस्कूल के प्राथमिक विभाग के शिक्षक शैलेष मोति पटेल ने अपने पूर्व छात्र अमित भारता तावियाड का संपर्क किया था, जो सिंगवड तालुका के मेथाण में रहता है। इसके बाद अमित ने हिंदी का पेपर सुबह 10.47 बजे मोबाइल नंबर 9313554848 के जरिए सुरेश दलसिंग डामोर को भेजा था। इस पेपर का प्रिंट निकालने के लिए सुरेश ने अपने दोस्त जयेश दलसिंग को फोन किया था। जयेश को घर बुलाकर इस पेपर का प्रिंट निकालने के लिए उसके रिश्तेदार घनश्याम जगदीश चारेल को भेजा था। इसके बाद पेपर वायरल होने का खुलासा हुआ है।
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