CM भूपेंद्र पटेल ने लॉन्च किया पीएम यशस्वी योजना, कहा- नरेन्द्र मोदी के आठ वर्षों के सफल सुशासन...

पीएम यशस्वी योजना

Update: 2022-06-06 07:55 GMT
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण बना सरकार का कार्यमंत्र
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को गांधीनगर में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से शुरू की गई 'पीएम यशस्वी' (पीएम यंग अचीवर्स स्कॉलरशिप अवार्ड स्कीम फॉर वाइब्रेंट इंडिया) योजना को लॉन्च करते हुए साफ कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आठ वर्षों के सफल सुशासन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता सरकार का कार्यमंत्र बन गया है। इन आठ वर्षों में लोगों ने सर्वसमावेशी, सर्वग्राही और पारदर्शी सुशासन का बेहतरीन उदाहरण देखा है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने समाज के वंचित, पिछड़े वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और डी-नोटिफाइड जनजाति के बच्चों-छात्रों को विभिन्न शिक्षा सहायता योजनाओं का लाभ एक छतरी के नीचे प्रदान करने की पहल की है। इतना ही नहीं, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश के लाखों छात्रों की समुचित शिक्षा तथा करियर निर्माण के लिए यह योजना बहुत उपयोगी साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार तथा राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री प्रदीपभाई परमार, राज्य मंत्री श्री आर.सी. मकवाणा तथा केंद्रीय सचिवों की उपस्थिति में इस योजना को लॉन्च किया। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सहित महानुभावों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के लाभार्थियों को ऋण प्रमाण पत्र प्रदान किए तथा पीएम यशस्वी योजना से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि पीएम यशस्वी योजना के परिणामस्वरूप छात्रों को सहायता व छात्रवृत्ति के लिए सिंगल पॉइन्ट कॉन्टेक्ट सहायता उपलब्ध होगी, साथ ही देशभर में मूलभूत पाठ्यक्रम और शिक्षा के स्तर को बरकरार रखने में भी अहम मदद मिलेगी। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को विकास की नींव करार देते हुए कहा कि गुजरात प्रत्येक बालक और युवा को उत्तम शिक्षा मुहैया कराकर शिक्षा क्षेत्र में भी रोल मॉडल बनना चाहता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गुजरात डबल इंजन वाली सरकार के दोहरे लाभ हासिल कर शिक्षा और स्वास्थ्य सहित तमाम क्षेत्रों में 'आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत' के ध्येय को साकार करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनहितकारी योजनाओं की परिपूर्णता (सैचुरेशन) का नया विचार दिया है। गुजरात ने सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों को सौ फीसदी लाभार्थियों तक पहुंचाने की नीति-रीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के तहत अब तक 3 लाख से अधिक छात्रों को 1318 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है। श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि पीएम यशस्वी योजना 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की संकल्पना को भी साकार करेगी।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने पीएम यशस्वी योजना को लॉन्च करते हुए कहा कि समाज और सरकार के सहयोग से ही राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर सक्षम बनेगा। यह योजना छात्रों को शिक्षा में आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही कौशल विकास के जरिए उनका सशक्तीकरण कर रोजगार इच्छुक नहीं बल्कि रोजगार प्रदाता के रूप में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और घुमंतू एवं विमुक्त जाति के छात्रों को शिक्षा में प्रोत्साहन तथा छात्रों के कल्याण के लिए 'पीएम यशस्वी' (पीएम यंग अचीवर्स स्कॉलरशिप अवार्ड स्कीम फॉर वाइब्रेंट इंडिया फॉर ओबीसी एंड अदर्स) योजना लॉन्च की गई है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार के 60 फीसदी और राज्य सरकार के 40 फीसदी योगदान से योजना को वर्ष 2022-23 से वर्ष 2025-26 तक लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सफल नेतृत्व और मार्गदर्शन के कारण समाज के प्रत्येक वर्ग का सर्वांगीण विकास हुआ है।
अपने गुजरात दौरे के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुजरात एक शांतिप्रिय प्रदेश है। यहां के नागरिकों में विनम्रता के साथ उद्यमशीलता भी देखने को मिलती है। डेयरी उद्योग के क्षेत्र में गुजरात की मातृशक्ति का कार्य उदाहरणीय है। इसके परिणामस्वरूप अमूल जैसे संस्थानों ने वैश्विक स्तर पर नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि गुजरात की गणना केंद्रीय योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयनकर्ता राज्य के रूप में होती है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव आर. सुब्रमण्यम ने स्वागत भाषण में कहा कि इस योजना के माध्मय से अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और घुमंतू एवं विमुक्त जाति के छात्रों के विकास के लिए नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। यह योजना छात्रों की शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। श्री सुब्रमण्यम ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य के कक्षा नवमीं और दसवीं के सरकारी स्कूल में अध्ययनरत अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और घुमंतू एवं विमुक्त जाति के छात्रों के अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा 2,50,000 रुपए को ध्यान में लेकर वार्षिक 4000 रुपए की छात्रवृत्ति की रकम प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए सीधे छात्रों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
इसके अलावा, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा दसवीं के बाद अध्ययनरत राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और घुमंतू एवं विमुक्त जाति के छात्रों के अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा 2,50,000 को ध्यान में रखकर चार ग्रुप में वार्षिक 5000 रुपए से 20,000 रुपए तक की छात्रवृत्ति की रकम डीबीटी के जरिए सीधे छात्रों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के निदेशक ने योजना से संबंधित प्रेजेंटेशन देते हुए कहा कि इस योजना को दो घटकों में विभाजित किया गया है। जिसमें से टॉप क्लास स्कूल घटक के तहत आगामी पांच वर्ष में देशभर के 21 हजार स्कूलों को शॉर्टलिस्ट कर लगभग 1608 करोड़ रुपए रकम की छात्रवृत्ति देने का आयोजन है। वहीं, टॉप क्लास कॉलेज घटक के अंतर्गत 259 कॉलेजों को शॉर्टलिस्ट कर लगभग 2342 करोड़ रुपए रकम की छात्रवृत्ति देने का आयोजन है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सहित महानुभावों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) के लाभार्थियों को ऋण प्रमाण पत्र प्रदान किए तथा पीएम यशस्वी योजना से संबंधित पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रदीपभाई परमार, राज्य मंत्री आरसी मकवाणा, केंद्र सरकार के सचिव सुरेन्द्रसिंह, राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनयना तोमर, केंद्र एवं राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों सहित एनबीसीएफडीसी के लाभार्थी उपस्थित रहे।
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