जवानों के लिए तनाव प्रबंधन पर आयोजित हुई कार्यशाला

Update: 2022-09-07 04:46 GMT

जगदलपुर। जिले में जन सुरक्षा के लिये तैनात पुलिस के जवान अपने जीवन का अधिकांश समय कार्यस्थल पर बिताते हैं, कई बार काम के बढ़ते दबाव, और व्यक्तिगत परेशानियों से तनाव की स्थिति उत्पन्न होने लगती है, परन्तु दबाव को दूर करने और अपने मन पर नियंत्रण पाने के तरीके हमेशा होते हैं। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में डीएमचपी टीम बस्तर के द्वारा करणपुर कैम्प के लगभग 600 जवानों के लिये 'कार्यस्थल पर तनाव प्रबन्धन कार्यक्रम' का आयोजन किया गया। इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग कर, तनाव से बचने के आवश्यक उपायों के बारे में जानकारी दी गयी साथ ही मानसिक स्वास्थ्य, लक्षण एवं उपचार , नशे से होने वाले शरीरिक दुष्प्रभाव , आत्महत्या रोकथाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इस दौरान जवानों को विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से तनाव को कम करने के उपाय के बारे में भी बताया गया।

इस सम्बंध में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. ऋषभ साव ने बताया: "मानसिक तनाव आम बात है। हर व्यक्ति तनाव से ग्रसित है। इसे समाप्त करने के लिए अपने अंदर सकारात्मक विचार लाने बहुत जरूरी है। नकारात्मक विचारों को लंबे समय तक नहीं रखना चाहिए। तनाव के कारण अवसाद, बेचैनी, पागलपन, हाई ब्लड प्रेसर, पेट की बीमारी व सिरदर्द होने लगता है। जब भी तनाव में हो तो योगा, मेडिटेशन, दौड़, डांस, गाना आदि जो भी पसंद हो करना शुरू कर दें। इससे ध्यान भटक जाएगा और तनाव कम होगा। हमें अपनी विचारधारा को भी बदलना होगा। अपने नजदीकियों से सभी बातें शेयर करें। समय प्रबंधन पर ध्यान दें।"


आगे उन्होंने जानकारी देते हुए बताया: '' कार्यस्थल के दबाव की वजह से लोग अकसर मानसिक रूप से थकान महसूस करते हैं। तनाव के कारण शरीर मे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जवानों को कार्यस्थल पर अपना कार्य सुचारू रूप से करने और कार्यक्षेत्र में उत्पन्न होने वाले तनाव को टालने के उपाय बताए गए। कार्यक्रम के अंत मे रिलैक्सेशन ट्रेनिंग के माध्यम से कार्यक्रम का समापन किया गया। मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है।

स्पर्श क्लीनिक साइकोलॉजिस्ट मोनिका ने तनाव प्रबन्धन पर जानकारी देते हुए बताया, " प्रत्येक व्यक्ति का तनाव एक समान नही होता, कम मात्रा में तनाव होना अच्छा है यह आपको प्रेरित करता है जिससे आप अपने कार्य को बेहतर तरीके से कर पाते हैं। लेकिन बहुत अधिक तनाव हानिकारक होता है, यह स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिये अपना कार्य प्राथमिकता के अनुसार करें। साथ ही कार्य को तय समय-सीमा पर करने का प्रयास करें इससे न केवल तनाव कम होगा, बल्कि कार्यस्थल पर आपके कार्य करने की उत्पादकता, रचनात्मकता बढ़ जाएगी। कार्यस्थल पर बढ़ते तनाव के कारण कार्यक्षमता में कमी आती है। काम और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन नहीं हो पाता। इस प्रकार परिवार के लिए समय न निकाल पाने के कारण भी व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से तनाव का शिकार हो जाता है"।

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