बाघ के हमले से गाय की मौत, खैरागढ़ में वन विभाग अलर्ट

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Update: 2025-02-07 07:47 GMT

खैरागढ़। जिले के अंदरूनी क्षेत्र भावे-मलैदा के जंगल में बाघ ने मवेशी का शिकार किया है। इस इलाके में लगातार बाघ की चहलकदमी हो रही है। वन महकमे की अलग-अलग टीमें बाघ के हर मूवमेंट पर नजर रखी हुई है। खैरागढ़ डीएफओ आलोक तिवारी ने बाघ द्वारा मवेशी का शिकार करने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि बाघ की जिले में मौजूदगी बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि यही बाघ पिछले दिनों डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र में भी मौजूद था। इसके बाद से लगातार वह जंगल में मूवमेंट कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि बाघ कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से जिले के जंगल में दाखिल हुआ है। वह एक कॉरिडोर बनाकर वापसी का रास्ता ढूंढ रहा है। वन अफसरों का मानना है कि बाघ की सुरक्षा को लेकर खास निगरानी की जा रही है। शिकारियों से बाघ को खतरा भी है।

बताया जा रहा है कि वन अफसर बाघ के लोकेशन को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि जंगल में वह लगातार चलते हुए आगे बढ़ रहा है। मलैदा और भावे का जंगल काफी घना है। वन अमले ने अंदरूनी गांवों में मुनादी भी करा दी है। लोगों को आवाजाही के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।


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