महासमुंद। जिले में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एंड डिटेक्शन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई है. दरअसल समय के साथ लोग आज अपने जीवन में तकनीकी को तेजी से अपना रहे है। इसमें मोबाईल सेट व इंटरनेट का इस्तेमाल आज हर कोई कर रहा है। क्योंकि इससे लोगो की बहुत सारी आवश्यताएँ बड़ी आसान से पूरी हो जा रही है, किन्तु हर चीज के दो पहलू होते है। सुविधायें अपने साथ-साथ कई दुविधाएँ भी लेकर आती है और आज इस तकनीकी व इंटरनेट के दौर में सबसे बड़ा संकट है ’’साईबर फ्राॅड’’ या ’ ऑन लाईन ठगी’’ का। समय के साथ अपराध करने के ट्रेण्ड्स भी बदल रहे है और जिसके लिये लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है फिर भी अखबारों में हर दुसरे दिन कोई न कोई किसी न किसी प्रकार से ऑन लाईन ठगी के शिकार होने की खबरें आती है। समय के साथ क्राईम के बदलते ट्रेंड्स जैसे साईबर फ्राॅड’’ या ’’ऑन लाईन ठगी’’ करने वालों तक पहुँचने के लिये पुलिस को भी हाईटेक होना जरूरी है,.
पुलिस को तकनीकी रुप से कुशल बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक महासमुंद धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा महासमुंद जिला पुलिस के लिये साईबर क्राईम तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन पुलिस कार्यालय सभागार कक्ष में किया गया है। कार्यशाला मे साईबर एक्सपर्ट व डायग्नास्टिक इंफोसिस दिल्ली के डाइरेक्टर गोविंद राय, गोपिका बघेल साईबर एक्सपर्ट के द्वारा साईबर फ्रॉड व नेटवर्किंग क्राईम के तकनीकी पहलुओ को समझने व सुलझाने महत्वपूर्ण जानकारी दी जावेगी। सुबह से शाम तक चलने वाली इस तीन दिवसीय कार्यशाला में जिला पुलिस के कुल 60 अधिकारी व कर्मचारी शामिल है।