छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष घोटालेबाजों को कब पकड़ेंगे?

Update: 2020-10-09 06:50 GMT

क्वींस क्लब के लीज या सब-लीज देने में दस्तावेजों में गड़बड़ी, संचालकों को पुलिस का दोबारा नोटिस, बोर्ड ने भी कागज मांगे

इन घोटालों की जांच कब हो

1-तालपुरी प्रोजेक्ट, दुर्ग

2-हिमालयन हाइट्स, रायपुर

3- अभिलाषा परिसर, बिलासपुर

4-चिल्हाटी प्रोजेक्ट, कोरबा

5-खारून प्रोजेक्ट, कुम्हारी

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। हाउसिंग बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा पुराने लीपापोती और गड़बडिय़ों को सुधारने के लिए सभी मामलों की फाइल मांगे है, लगता है नए अध्यक्ष भ्रष्ट अधिकारियों को खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकते है? जिसके चलते हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों में हड़कमप मचा हुआ है।

पुलिस ने सारे एग्रीमेंट की जांच शुरू : वहीं पुलिस ने लॉकडाउन में पार्टी और हवाई फायर के मामले में जांच के दायरे को आगे बढ़ाते हुए क्वींस क्लब को लेकर शुरू से अब तक हुई सारे एग्रीमेंट की जांच शुरू कर दी है। जांच का फोकस इस बात पर है कि लीज या सब-लीज देने में दस्तावेजों में हेराफेरी या गड़बड़ी तो नहीं की गई। हाउसिंग बोर्ड पहले ही इस क्लब के एग्रीमेंट को लेकर सारे दस्तावेज तलब कर चुका है। बोर्ड ने अब पुलिस को भी चि_ी लिखी है कि अगर उनके पास किसी भी तरह के एग्रीमेंट और कागजात हैं, तो उसकी एक प्रति बोर्ड को भी उपलब्ध करवाई जाए। तेलीबांधा पुलिस ने तकरीबन एक हफ्ता पहले क्वींस क्लब के मूल लीजधारी हरबख्श पत्रा को नोटिस देकर क्लब से संबंधित सभी तरह के दस्तावेज मांग लिए हैं। पुलिस ने बताया कि जिन लोगों के साथ एग्रीमेंट कर इस क्लब को सब-लीज पर देने की बात आ रही है, उन्हें भी नोटिस दिया गया है। सभी पक्षों से कहा गया है कि वे नोटिस के जवाब के साथ थाने में उपस्थिति दर्ज कराएं ताकि प्रकरण से संबंधित जानकारी उनसे ली जा सके। इसी बीच, हाउसिंग बोर्ड भी अब इस मामले में आगे बढ़ गया है। बोर्ड ने तेलीबांधा थाने को चि_ी लिखकर सबलीज के एग्रीमेंट के की कॉपी मांगी है। बोर्ड अफसर पहले ही साफ कर चुके हैं नियमों के अनुसार क्लब को सबलीज में नहीं दिया जा सकता, इसलिए अगर ऐसा कोई दस्तावेज बना है तो वह पूरी तरह अवैध है। टीआई रमाकांत साहू ने बताया कि एग्रीमेंट से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भेजा गया है। उनका जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। जहां तक हाउसिंग बोर्ड का सवाल है, वहां से जो जानकारी मांगी गई है वह उपलब्ध करवाई जा रही है।

नशे के खिलाफ छापेमारी : इधर दूसरी ओर राजधानी के सायबर सेल ने नशे के खिलाफ लगातार छापे मार रही है। रायपुर में कई तरह के कनेक्शन मिलने के बाद टीम ने बिलासपुर में भी कई जगहों पर छापे मारे हैं। शहर के युवाओं तक ऑनलाइन और किस-किस तरीके से नशे की सप्लाई की जा रही थी उसकी भी जांच की जा रही है। मोबाइल नंबरों के आधार पर ही बिलासपुर में भी कई जगहों पर छापे मारे गए हैं। पुलिस इस मामले में जल्द ही बड़े खुलासे करने वाली है।

जहां-जहां संपदा अधिकारी रहे वहां हुई गड़बड़ी : हाउसिंग बोर्ड के अतिरिक्त आयुक्त के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की चर्चा तेज हो गई है। बता दें कि गलत तरीके से विभिन्न लीज पर जमीन देकर फायदा पहुंचाने और एक ही परिवार को मकान दिलाने के मामले में वह चर्चा में आए हैं।

सूत्रों की मानें तो वर्मा जहां-जहां संपदा अधिकारी रहे हैं, वहां की पुरानी फाइलें निकाली जा रही हैं। आरोप है कि उनके कार्यकाल में अपात्रों को हाउसिंग बोर्ड के मकान आवंटित किए गए हैं। एक ही परिवार के तीन से चार लोगों को नियम विरुद्ध मकान दिए गए। वहीं पात्र लोगों के आवेदन अकारण खारिज कर दिए गए। वर्मा के खिलाफ इस तरह की कई गड़बडिय़ों की शिकायतें की गई थीं, लेकिन ठेकेदार, रसूखदारों के दबाव में शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इधर लाकडाउन के दौरान क्वींस क्लब में बर्थ डे पार्टी के बीच गोलीकांड मामले में तेलीबांधा थाना पुलिस ने अब हाउसिंग बोर्ड को घेरे में लिया है। पुलिस ने हाउसिंग बोर्ड के अफसरों को नोटिस भेजकर यह जानकारी मांगी है कि क्वींस क्लब में कौन-कौन भागीदार हैं? इसके अलावा पार्टी में शामिल 10 से अधिक लोगों को पूछताछ करने के लिए बुलाया गया है। मामले में लगातार गिरफ्तारी को भांप कर आरोपित बनाए गए लोग गायब हो चुके हैं। अब तक पुलिस दर्जन भर से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से केवल गोली चलाने वाले ठेकेदार को जेल भेजा गया, बाकी सभी लोग जमानत पर छूट गए।

दोषी अफसरों पर कार्रवाई के मूड में अध्यक्ष : क्वींस क्लब को अवैध रूप से जमीन का मामला सामने आने के बाद हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष व विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी लेकर जांच कर दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। जुनेजा से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई। जानकार सूत्रों ने बताया कि बोर्ड में कई सालों तक संपदा अधिकारी के रूप में हेमंत कुमार वर्मा सेजबहार, सड्डू और मौलश्री विहार सब डिवीजन में रहे। इस दौरान उनके खिलाफ कई शिकायतें हुईं, लेकिन एक पर भी कार्रवाई नहीं की गई। अगर इन प्रोजेक्ट की जांच हुई तो हेमंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।




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