मोदी कैबिनेट रविवार की शाम शपथ ले चुकी है। बृजमोहन अविभाजित मध्यप्रदेश में 3 साल, छत्तीसगढ़ में 15 साल मंत्री रहे। 40 सालों से विधानसभा का चुनाव जीतते रहे, अब भी प्रदेश सरकार में मंत्री हैं मगर अब सिर्फ सांसद रह जाएंगे। जानकार ये भी बता रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन समाजिक समीकरणों को समझकर किया है। मोदी कैबिनेट का हिस्सा बने तोखन साहू, साहू समाज से आते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में इस समाज को साधने का काम किया है। रायपुर दक्षिण की सीट से विधायक बनने वाले बृजमोहन जीत की गारंटी रहे हैं। मगर अब वो इस सीट को छोड़ देंगे। नियमों के मुताबिक सांसद बनने के बाद विधायकी छोड़नी पड़ती है। बृजमोहन जब हटेंगे तो उनकी जगह कौन चुनाव लड़ेगा, जो लड़ेगा वो बृजमोहन की तरह होगा या नहीं, उसे जनता स्वीकारेगी या नहीं, 5.75 लाख के अंतर से रायपुर लोकसभा जीतना बृजमोहन के चुनाव लड़ने की वजह से संभव हो पाया।