आज खोया पाया दिवस, जानिए क्या है विशेष?

Update: 2024-12-12 09:19 GMT

मोहला। आज 13 दिसम्बर "खोया पाया दिवस" पर रोशन साहू ने कविता ई मेल किया है।

// खोया - पाया //

देख लेना पास तुम्हारे, कुछ मेरा रह गया कहीं ?

मैं भी देखूँ पास मेरे,तेरा तो कुछ रह गया कहीं।

सम्बन्धों में साँस रहे बस,मैं कहता न तुम कहते?

जान कर अंजानापन का,भार तो दोनों ही सहते।

जो भी चीजें पास है मेरे ,यक़ीनन लौटा पाऊँगा ?

टीस रहेगी सदा- सदा ,वक्त बेवक्त याद आऊँगा।

किन नामों किन रूपों में, फिर-फिर आना पड़ता?

कहते सुना लोगों से ,आखिरकार चुकाना पड़ता।

यादें भी तुझसा है जिद्दी, मुश्किल कैसे जाऊँगा?

पल में जो सारे सुमन धरे, कभी न लौटा पाऊँगा।

बीत जाती जीवन सारा,पल भर न जीवन पाते हैं।

एक पल में जीवन जीते,वो जाने कैसे जा पाते हैं?

रहस्यमयी न ही कुटिल,नित निश्छल मुस्कान रहे।

खोया कम पाया ज्यादा, जन्मों- जन्म कुर्बान रहे।



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