धान खरीदी के लिये केन्द्र सरकार एक भी रू. नहीं देती है: दीपक बैज

छग

Update: 2023-10-07 14:37 GMT
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी के लिये केन्द्र सरकार एक रू. भी नहीं देती है। भाजपा लगातार झूठ बोलकर जबरिया श्रेय लेने की कोशिश में है मोदी और साव कितना भी झूठ बोल ले इससे सच्चाई नहीं बदलने वाली मोदी सरकार धान खरीदी में सिर्फ अडंगे बाजी ही लगाती है कोई सहयोग नहीं करती है। हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ में धान कांग्रेस सरकार अपने खुद के दम पर खरीदती है, धान खरीदने में केन्द्र सरकार का एक पैसे का भी योगदान नहीं है। राज्य सरकार धान खरीदी मार्कफेड के माध्यम से करती है इसके लिये मार्कफेड विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेती है तथा इस ऋण के लिये बैक गारंटी राज्य सरकार देती है तथा धान खरीदी में जो घाटा होता है उसको भी राज्य सरकार वहन करती है पिछले वर्ष मार्कफेड ने लगभग 35000 करोड़ का ऋण धान खरीदी के लिये लिया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार तो घोषित समर्थन मूल्य से 1 रूपये भी ज्यादा कीमत देने पर राज्य सरकार को धमकाती है की वह राज्य से केन्द्रीय योजनओं के लिये लगने वाला चावल नही खरीदेंगे। अकेली छत्तीसगढ़ सरकार है जो अपने धान उत्पादक किसानों को देश में सबसे ज्यादा कीमत देती है। छत्तीसगढ़ के किसानों को पिछले वर्ष धान की कीमत 2640 मिली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, जैसे राज्यों में तो किसानों को धान का मूल्य 1100 रूपये मिलता है। छत्तीसगढ़ देश का अकेला ऐसा राज्य है जहां किसानों को प्रति एकड़ धान पर 9,000 रूपये तथा अन्य फसल पर 10,000 रूपये की इनपुट सब्सिडी मिलती है।
कांग्रेस सरकार में चालू खरीफ सीजन में 20 क्विंटल धान की खरीदी 2800 रू. की दर पर की जायेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि आदतन किसान विरोधी भारतीय जनता पार्टी और केन्द्र की मोदी सरकार एक बार फिर से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को बाधित करने अडंगे डाल रही है। सीधे तौर पर धान खरीदी में केन्द्र का कोई योगदान नहीं होता। लेकिन केन्द्रीय पुल में चावल खरीदी में कटौती करके एक बार फिर से छत्तीसगढ़ के किसानो से बदला ले रही है। विगत 31 अगस्त को छत्तीसगढ़ से केन्द्रीय पुल में 86 लाख 50 हजार मीट्रिक टन चावल खरीदने का वादा केन्द्र की मोदी सरकार ने किया था, इसे अब घटाकर 61 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। पहले भी वर्ष 2020-21 में इसी तरह छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बरगलाने पर केन्द्र की मोदी सरकार ने केन्द्रीय पुल में 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदी के लक्ष्य को घटाकर 24 लाख मीट्रिक टन कर दिया था। भाजपा कुछ भी कर ले छत्तीसगढ़ के किसानों का दाना-दाना धान की खरीदी होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की कथनी, करनी का अंतर हमेशा से अलग रही। छत्तीसगढ़ में सरकार में रहते भाजपा ने वायदा किया कि धान का 2100 रूपये समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 5 साल तक 300 रूपये बोनस देंगे, 5 साल नही दिया। धान का एक-एक दाना खरीदेंगे, नहीं खरीदा। 10 क्विंटल खरीद रहे थे कांग्रेस के विरोध के बाद बढ़ाया। 2014 के चुनाव के पहले मोदी ने वायदा किया था स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों लागू करेंगे लागत मूल्य का डेढ़ गूना समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे। 2022 बीत गया किसानों की आय बढ़ने के बजाये घट गयी।
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