छात्रा की हत्या का आरोपी राहत पाने पहुंचा हाईकोर्ट, सजा बरकरार

छग

Update: 2024-12-25 08:07 GMT

बिलासपुर। छेड़छाड़ का विरोध करने और पुलिस में शिकायत की धमकी देने पर ट्यूशन जा रही नाबालिग छात्रा की कुदाली से वार कर हत्या कर दी गई थी। आरोपी द्वारा सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर अपील को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति ए के प्रसाद की खंडपीठ ने खारिज कर दिया।दुर्ग जिले की नाबालिग छात्रा पर 13 जून 2019 को शिवाजी छत्रपति नगर, गांधी पार्क मैत्री कुंज के पास उस समय हमला किया गया, जब वह ट्यूशन जा रही थी। आरोपी ने सिर और सीने पर कुदाली से वार कर छात्रा को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल छात्रा को सेक्टर 9 अस्पताल और बाद में रामकृष्ण अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

पुलिस ने जांच के दौरान छात्रा की सहेली, ट्यूशन टीचर्स और अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए। आरोपी के खून से सने कपड़े और हत्या में प्रयुक्त हथियार जब्त कर डीएनए जांच कराई गई। डीएनए रिपोर्ट में हथियार और कपड़ों पर मिले खून को पीड़िता का होना पुष्टि किया गया। मामले में एक जागरूक नागरिक की गवाही निर्णायक साबित हुई। गवाह ने घटना के दिन आरोपी को खून से सने कपड़ों में पीड़िता को ढकते हुए देखा था। बाद में घटना की जानकारी मिलने पर उसने पुलिस थाने जाकर अपनी गवाही दी और आरोपी की पहचान की।

आरोपी घटना के समय नाबालिग था, लेकिन बालिग होने पर 7 फरवरी 2024 को सत्र न्यायालय ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास और 2000 रुपये जुर्माने तथा धारा 201 के तहत 1 वर्ष के कारावास और 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन हाईकोर्ट ने ठोस गवाहियों और सबूतों के आधार पर अपील को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि सजा विधि सम्मत है और इसे बरकरार रखा गया।

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