रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर के दरभा घाटी के झीरम में नक्सलियों द्वारा कांग्रेस के काफिले पर किए गए हमले की जांच के लिए गठित जांच आयोग का कार्यकाल अब 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। शासन के समक्ष आयोग ने सौंपा गया कार्य पूरा नहीं होने का हवाला दिया था। जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ाने की सूचना राजपत्र में प्रकाशित की गई है।
विदित हो कि 25 मई 2013 को कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा निकाली थी। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता इस परिवर्तन यात्रा में हिस्सा लेते हुए दरभा घाटी के झीरम पहुंचे थे कि, तभी नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले में कांग्रेस नेताओं और उनके सुरक्षा गार्ड को संभलने का मौका तक नहीं मिला। नक्सलियों ने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा को ढूंढकर गोली मारी। उसके बाद नक्सलियों ने एक एक कर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं को मौत के घाट उतार दिया।
इस हमले में महेंद्र कर्मा के अलावा तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उदय मुदलियार समेत कांग्रेस के 29 नेताओं की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। इलाज के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की भी जान चली गई थी। इस नरसंहार के 10 साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन अब भी झीरम के जख्म हरे हैं। आंसुओं और दर्द में आज भी झीरम के पीड़ित डूबे हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। दूसरी ओर इस घटना पर राजनीति लगातार जारी है। यही वजह है कि 9 साल बाद भी हम झीरम के गुनहगार तक नहीं पहुंच पाए हैं।