उनसे कह दो कतरा नहीं समुंदर हूं मैं, डूब गए वो खुद, जो मुझको डुबाने में लगे हैं
ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव
नशा शराब में होती तो नाचती बोतल ... गीतकार ने ठीक ही लिखा है, लेकिन अब इसमें एक और प्रयोग चल रहा है। माह पियो और फ्रांस की सैर करो, यानी पीने के बाद पंख लग जाएँगे । चौकिए मत अब छत्तीसगढ़ सरकार भी मदिरा प्रेमियों के लिए लगभग तीन सौ प्रकार की दारू ला रही है। ताकि सरकारी राजस्व बढ़ाने वाले शौकीनों को मनपसंद ब्रांड मिल सके। तीन सौ ब्रांड वाले शराब की पहली खेप आ चुकी है समाचार सुनकर गम गलत करने वाले भी काफी खुश दिख रहे हैं। वे इस बात से भी खुश हैं कि छत्तीसगढ़ में मिलने वाली महुआ शराब फ्रांस में बॉटलिंग कर बेची जा रही है. फ्रांस में ‘माह’ (MAH) के नाम से इसे मैन्युफैक्चर कर बेचा जा रहा है. वहीं इसके साथ फ्रांस में माह को जिसने भी इसे चखा वह माह का दीवाना हो गया हैं । पीने के बाद फ्रांस के बारों में पोस्टर भी लगा दिया है, ताकि माह पीने वालों की संख्या में भारी भरकम इजाफा हुआ है। फ्रांस में लोग अब अंग्रेजी छोड़ महुआ शराब माह की तारीफ कर रहे हैं.। माह के नाम से बॉटलिंग कर छत्तीसगढ़ की महुआ शराब को अब ग्लोबल लेवल पर बेच रहा है, यदि फ़्रांस के लोगों को पता चलेगा कि यही दारू छत्तीसगढ़ में पचास सौ रूपये में मिल रहा है और तो और दस रूपये गिलास में भी मिल रहा है अब वे सीधे फ्रांस से यहाँ पहुंचेंगे औऱ पर्यटक बनकर सरकार के राजस्व बढ़ाने में दिलखोलकर मदद करेंगे। बस्तर वाले भी खुश, होटल वाले भी खुश और सरकार का खजाना हर तरफ से बढ़ेगा। जनता में खुसुर फुसुर है कि जिन्हें हम पियक्कड़ समझ रहे हैं दरअसल वो सरकार की नजर में अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देने वाले निवेशक है । प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने वालों को सरकार अब फ्रांस इनवेस्टर सम्मान से सम्मानित करने वाली है। क्योंकि हमारा ठेठ देसी ब्रांड फ्रांस वालों को भा गया है। तीन सौ ब्रांड के दारू आने के बाद शौकीन अलग-अलग ब्रांड का स्वाद चखेंगे। इनके योगदान को देखकर बड़े-बड़े निवेशक भी थर्रा रहे हैं।
नाम को लेकर सियासत...
जिसकी सत्ता होती है, उसी का डंका बजता है। उसके बाद भी योजनाओ के नाम बदलने को लेकर सियासी जंग शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में चल रही दो योजनाओं के नाम बदल दिए हैं। नगरीय प्रशासन व विकास विभाग की ओर से संचालित राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम अब पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना और राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना का नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र कर दिया गया है। इधर, नाम बदलने को लेकर प्रदेश में राजनीति का पारा भी चढ़ गया है। भाजपा-कांग्रेस आमने सामने है। कांग्रेस कह रही है कि काम नहीं हो रहा है केवल योजनाओं के नाम बदले जा रहे हैं और भाजपा ने यह कहकर पलटवार किया है कि सरकार बदलती है तो नाम भी बदलता है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भाजपा औऱ कांग्रेस वाले सत्ता में आते ही बौरा जाते है। अरे भैया जनता से भी कुछ पूछपरख कर लेते जिसने आपको सत्ता की चाबी दी है। छत्तीसगढ़ के पानी का असर है कि जो भी सत्ता में बैठा सबसे पहले नाम बदलने का ही काम करते है ताकि लोगों को लगे की काम हो रहा है। जबकि काम का तो अता पता तक नहीं है।
नेतागिरी में चश्मा यात्रा वाला...
कांग्रेस की न्याय यात्रा को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस व बीजेपी दोनों ही आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। एक ओर जहां कांग्रेस का कहना है कि न्याय यात्रा से भाजपा की धडक़नें बढ़ गई है और वह बेवजह गलत बयानबाजी कर रही है। वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस पहले अपने प्रदेश अध्यक्ष के साथ न्याय करें। कांग्रेस की यह न्याय यात्रा पद बचाने की यात्रा है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि नेता गिरी का नाम ही है दूसरे क्या कर रहे उसे देखो हम क्या कर रहे है उसे कोई नहीं देखे। राजनीति में पदार्पण होने के मतलब ही यही होता है कि आपने रंगीन चश्मा पहन लिया है। देखने का अलग औऱ दिखाने का अलग ताकि सत्ता में रहो तो नंबर एक का लगा लो और सत्ता से बाहर रहो तो नंबर दो का लगा लो, जिससे दो नंबरी बराबर दिखाई देते रहे। कौन किससे बचता रहा है औऱ कैसे बच रहा है । यह तो उस वक्त पता चलता है जब सत्ता से बाहर हो जाए औऱ पूछ परख कम हो जाए तो इस तरह की नोटंकी भी राजनीति का हिस्सा होता है।
सायं-सायं के बाद अब चलेगी पवनैया ...
विष्णु के सुशासन का डंका रायपुर से लेकर दिल्ली तक बज रहा है। कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस के बाद सरकार का फोकस अपराध नियंत्रण पर है, जुनेजा के एक्सटेंशन के बाद सरकार को तो नया दावेदार तलाशना ही था, अब पवनदेव के डीजी बनने के बाद कानून को नियंत्रित करने पवन आँधी बनकर पूरे प्रदेश में अपराध का कचरा साफ करने स्वच्छता अभियान चलाएंगे। अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता के साथ पवन देव के प्रमोशन के लिए जुलाई में डीपीसी हुई थी। हालांकि, एक पुराने मामले को लेकर प्रमोशन रूक गया था। अब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अनुमोदन के बाद उन्हें प्रमोट किया गया है। पवनदेव करीब पांच साल से पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी और चेयरमैन के प्रभार में हैं। डीजी पुलिस अशोक जुनेजा के बाद बैच वाइज सीनियरिटी में पवनदेव 1992 बैच में सबसे ऊपर हैं। उनके बाद अरुण देव गौतम फिर 94 बैच में हिमांशु गुप्ता आते हैं। जुनेजा पांच अगस्त को रिटायर होने वाले थे लेकिन उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन मिल गया। फरवरी 2025 तक कार्यकाल बढ़ गया है। अरुणदेव गौतम, हिमांशु गुप्ता के साथ अब पवनदेव भी डीजीपी के दावेदारों में शामिल हो गए हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कोई भी डीजीपी बने भैया प्रदेश में कानून व्यवस्था सख्ता हो ताकि आमजन अमन चैन से रह सके। यहां तो पूरे प्रदेश में आनलाइन चाकू मंगवाकर चाकूबाजों ने कब्जा कर रखा है। कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है, छोटी -छोटी बात पर चाकू पेल देते है। इसे जड़ से खत्म करना होगा तभी पवनदेव की पोस्टिंग सार्थक होगी।
अपराधियों की करो जमकर पूजा ...
राजधानी में लगातार हो रहे अपराधों से परेशान रायपुर पुलिस ने धार्मिक अनुष्ठानों से अपराध कम करने की पहल शुरू की है। शहर के तेलीबांधा थाना इलाके में ही एक हफ्ते में लगातार दो हत्याएं होने पर थाने का शुद्धिकरण किया गया। पुलिस जवान ने थाने के गेट के सामने नारियल फोड़ा, अगर बत्ती जलाई और पूजा-पाठ किया । कुछ दिन पहले तेलीबांधा थाना क्षेत्र में एक युवक की मोबाइल लुटेरों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। उसके पहले एक प्रेमी ने लडक़ी का गला रेतकर हत्या कर दी थी। इसके पहले थाना क्षेत्र में गैंगस्टर अमन साहू गैंग के गुर्गों ने फायरिंग करवाई थी। एक के बाद एक अपराध के चलते पूजा-पाठ करवाया गया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पुलिस वालों को थाने की पूजा पाठ करने के बजाय छुटभैय़ा नेता और नेता गिरी चमकाने के नाम पर मंत्रियों औऱ विधायकों के नाम से खास होने का ढोग करने वाले नेताओ्ं की पूजा तबीयत झक होते तक करनी चाहिए ताकि थाने में आकर कोई धोस न दे सके। कानून का नारिय़ल अपराधियों के सिर पर फोड़ो जिससे कानून का खौफ अपराधियों के दिमाग में घंटे की तरह बजता रहे।
कौन होगा दक्षिण का एकलव्य और अर्जुन ...
रायपुर सांसद निर्वाचित होने पर बृजमोहन अग्रवाल के विधायक पद से इस्तीफे देने के बाद से ही प्रदेश में रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट खाली है। जल्द ही यहां उपचुनाव की की घोषणा होगी और चुनाव की तारीख घोषित होते ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने संकेत दिए हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि दक्षिण में कौन देगा गुरु द्रोणाचार्य को दक्षिणा देने वाला । पिछले 40 साल तक यहां राजनीति के गुरु द्रोणाचार्य ही एक छत्र लक्ष्य भेदते रहे है। अब कौन होगा एकलव्य.औऱ अर्जुन जो अपनी धनुर्विद्या का कमाल दिखाकर अपनी पार्टी को दक्षिण का किला उपहार के रूप में सौगात देंगे। अभी पक्ष-विपक्ष के साथ दक्षिण के मतदाताओ् को भी सबको एक शायरी याद आ रही है कई लोग मुझको गिराने में लगे हैं, सरे शाम चिराग बुजाने में लगे हैं। उनसे कह दो कतरा नहीं समुंदर हूं मैं, डूब गए वो खुद, जो मुझको डुबाने में लगे हैं।