विशेष लेख : छूट और रियायतों से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को नया आशियाना बनाने में मिली राहत
राज्य के पंजीयन कार्यालयों में आधुनिकीकरण और नई सुविधाएं जुटाई गई है। इन कार्यालयों में ऑनलाईन पंजीयन ई-स्टाम्पिंग की सुविधा दी गई है। इसी प्रकार जमीनों और मकानों का पंजीयन तेजी से कराने के लिए सॉफ्टवेयर में संशोधन किया है। पंजीयन शुल्क भुगतान के लिए ऑनलाइन भुगतान सुविधा सहित स्वाइप मशीन अधिकांश पंजीयन कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है। राजस्व न्यायालयों को भी आधुनिक बनाया जा रहा है। न्यायालयों में ऑनलाईन प्रकरणों का पंजीयन के साथ ही जमीन और भवन संबंधी दस्तावेजों का डिजिटलाईजेशन किया जा रहा है। पंजीयन विभाग में एक जनवरी 2019 से अब तक करीब दो लाख 75 हजार से ज्यादा छोटे भू-खंडों के क्रय विक्रय के दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है। वर्ष 2020-21 में 1589.42 करोड़ का राजस्व अर्जित किया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अक्टूबर माह तक 902.79 करोड़ रूपए से ज्यादा का राजस्व अर्जित किया जा चुका है।
राज्य शासन द्वारा जनहित में निर्णय लिया जाकर, दस्तावेजों के बाजार मूल्य निर्धारण करने वाले गाईडलाईन की दरों में 25 जुलाई 2019 से 30 प्रतिशत की कमी को वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 के लिए भी यथावत रखा गया है। संपत्ति के बाजार मूल्य में कमी के साथ ही संपत्ति के खरीदी बिक्री में राहत प्राप्त होने से मध्यमवर्ग के लिए भूमि-मकान खरीदना आसान हुआ है। इसी प्रकार 75 लाख कीमत तक के मकान-भवन के विक्रय संबंधी विलेखों पर अगस्त, 2019 से पंजीयन शुल्क की दर में 2 प्रतिशत की रियायत को वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए बढ़ाया गया है।
कोविड-19 से संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए पंजीयन हेतु ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्लॉट बुकिंग को अनिवार्य किया गया है। अपॉइंटमेंट प्राप्त पक्षकार निर्धारित समय में ही पंजीयन कार्य हेतु उपस्थित होते हैं। इस व्यवस्था के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान भी पंजीयन की सुविधा प्रदान की गई है। दस्तावेज पंजीयन के साथ ही साथ दस्तावेज नकल एवं खोज हेतु भी अपॉइंटमेंट बुकिंग प्रारंभ की गई है। पक्षकार द्वारा पंजीयन फीस का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा सकता है।