Sangra: बच्चे को पढ़ने और पढ़ाने हेतु श्रमिक दम्पति की ललक। बच्चे और उंसके परिजन बच्चे की बुढी नानी का इलाज कराने मेरे निजी अस्पताल मे लेकर आये। मैने एक्टिव और चहल कदमी करते बच्चे की पढ़ाई के बारे मे बच्चे के परिजन से पूछा, परिजनों ने बतलाया श्रमिक होने की वजह से कभी एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक रोजगार के लिये भटकने के कारण सात वर्ष होने के बावजूद न आंगनबाड़ी और न ही किसी स्कूल मे बच्चे को प्रवेश दिला पाये, परिजन और बच्चे की पढ़ाने पढ़ने की ललक को देख मेरी समझाईश और होस्टल वार्डन घनश्याम महिला ने और हेड मास्टर मनोहर पटेल सर की पहल से मेरे(( डॉ खुर्शीद खान))स्वास्थ्य परीक्षण हेतु अधिक्रित होस्टल Sangra ब्लॉक धरमजयगढ़ में आज प्रवेश मिला साथ ही हेड मास्टर मनोहर पटेल सर ने बच्चे को यूनिफॉर्म तथा पठन पाठन सामग्री दिया।