बस्तर। जिले में सरकारी राशन दुकानों से 37 हजार क्विंटल राशन गायब हो गया। सितंबर महीने में जांच में यह तथ्य सामने आया कि 412 दुकानों से यह चावल राशन कार्ड धारियों को वितरित ही नहीं किया गया। इतनी बड़ी शॉर्टेज के बाद ₹14 करोड़ की रिकवरी इन दुकानों पर निकाली गई है, पर अब भी इन दुकानों से यह रिकवरी पूरी नहीं हो पा रही है। हालांकि, शासन की तरफ से शॉर्टेज का चावल वापस जमा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। फिलहाल बस्तर जिले की 412 दुकानों में से केवल 2000 क्विंटल राशन वापस जमा किया गया है। जगदलपुर शहर की ही 55 दुकानों के खिलाफ आरआरसी भी जारी की गई है।
ऐसे में इन दुकानों के निरस्त होने का खतरा भी मंडराने लगा है, जिसके बाद रिकवरी भी की जाएगी। सभी के प्रकरण एसडीएम कार्यालय जगदलपुर में चलाए जा रहे हैं, जहां इनके खिलाफ शिकायत की सुनवाई की जा रही है। करोड़ों रुपए के राशन के घोटाले के मामले में जांच के बाद रिकवरी के निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे समय में जब राशन दुकानों के हितग्राहियों से जीरो लीकेज की व्यवस्था की गई है। उस बीच इस तरह का बड़ा राशन घोटाला सवालिया निशान खड़ा करता है। अधिकारियों का दावा है कि ऑनलाइन सिस्टम के जरिए राशन वितरण किया जा रहा है, पर ऐसे में यह राशन आखिर कैसे गायब हुआ यह भी बड़ा सवाल है।