कोरबा। कोरबा जिले के SECL कुसमुंडा खदान में हुई ब्लास्टिंग के कारण शनिवार को एक ग्रामीण के घर की छत टूट गई। खदान से लगे गांवों में रहने वाले लोग लगातार हो रही ब्लास्टिंग से परेशान हैं। हेवी ब्लास्टिंग से प्रभावित ग्रामीण विस्थापन की मांग को लेकर खदान के भीतर प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ बरपाली ग्राम में एक ग्रामीण के घर का छप्पर भरभराकर नीचे गिर गया। गनीमत ये रही कि छत गिरने से पहले पूरा परिवार घर से बाहर आ गया था, नहीं तो बड़ी दुर्घटना घट सकती थी। एसईसीएल की कुसमुंडा खदान से लगे गांव में रहने वाले ग्रामीण अब सुरक्षित नहीं हैं। कोयला उत्पादन के लिए खदान में होने वाली हेवी ब्लास्टिंग के कारण लोगों के आवास प्रभावित हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। खदान से सटे ग्राम बरपाली में ऐसी ही घटना सामने आई, जहां देखते ही देखते हरिदास नाम के ग्रामीण के घर का छप्पर भरभराकर नीचे गिर गया।
ब्लास्टिंग के कारण ग्रामीण का घर हिलने लगा था, जिससे परिवार को पहले ही कुछ अनिष्ट की आशंका हो गई थी। इसके बाद परिवार ने जैसे-तैसे घर से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। हरि दास की पत्नी ने बताया कि वे अपने बच्चों को लेकर दोपहर में घर पर सो रही थी, इसी दौरान खदान में ब्लास्टिंग भी हो रही थी। उनके पड़ोसी ने उन्हें जगाया और इस बारे में आगाह किया। इसके बाद वे बच्चों को लेकर कमरे से बाहर निकली। इसके ठीक बाद ही घर की छत भरभराकर गिर गई। हरि दास के पड़ोस में रहने वाले एक और ग्रामीण का मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। मेदनी बाई नाम की महिला ने बताया कि उसके घर की दीवारें दरक गई हैं और घर की शीट भी टूट रही है। बरपाली की तरह कुसमुंडा खदान से लगे पाली पड़निया, जटराज गांव का भी यही हाल है। यहां ग्रामीणों के घर ब्लास्टिंग के कारण प्रभावित हो रहे हैं। समय रहते अगर इनका विस्थापन नहीं किया गया, तो किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने कई बार इसे लेकर प्रशासन से भी शिकायत की है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा।