प्रमोशन का मामला, आरक्षकों की याचिका पर हाई कोर्ट ने डीजीपी और आईजी को जारी किया नोटिस

छत्तीसगढ़

Update: 2021-09-17 09:29 GMT

बिलासपुर। विभागीय पदोन्न्ति परीक्षा से आरक्षकों को वंचित करने के मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने डीजीपी व बस्तर आइजी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। बस्तर रेंज में पदस्थ आरक्षक नेकूराम ठाकुर, मूलचंद बघेल, दिवाकर मांझा सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि उन्होंने वर्ष 2016 में विभागीय पदोन्न्ति परीक्षा में भाग लिया था। यह परीक्षा 2002 के प्रविधान के अनुसार हुई थी। इसमें याचिकाकर्ता समेत उत्तीर्ण आरक्षकों को प्री प्रमोशन कोर्स के लिए भेजा गया। प्रशिक्षण के बाद पद रिक्त नहीं होेन के कारण याचिकाकर्ताओं को पदोन्न्ति नहीं मिल गई।

इस बीच पांच सितंबर 2018 को पद रिक्त हुआ तो पुलिस अधीक्षक ने आइजी को पत्र लिखकर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले आरक्षकों को पदोन्न्त करने के लिए पत्र लिखा। इसमें पदोन्न्ति देने के लिए अनुमति मांगी गई। लेकिन, उनकी पदोन्न्ति के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। याचिकाकर्ता आरक्षक पदोन्न्ति से वंचित रह गए। इस बीच अब फिर से नए सिरे से पदोन्न्ति परीक्षा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इससे परेशान होकर याचिकाकर्ताओं को मजबूरी में हाई कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। याचिका में पात्रता के बाद भी वंचित आरक्षकों को पदोन्न्ति देने के बाद ही विभागीय पदोन्न्ति परीक्षा लेने का आग्रह किया गया है। क्योंकि, याचिकाकर्ता पदोन्न्ति परीक्षा में शामिल होने के साथ ही प्रशिक्षण भी प्राप्त कर लिया है।

नई पदोन्न्ति परीक्षा में याचिकाकर्ताओं को पदोन्न्ति में प्राथमिकता का भी कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे में उनकी पदोन्न्ति प्रभावित होने की आशंका है। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीसेम कोशी ने डीजीपी व बस्तर आइजी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

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