पोल्ट्री फार्म से ग्रामीणों का जीवन जीना का हुआ बेहाल

Update: 2022-08-20 08:45 GMT

राजिम। क्षेत्र में एक ऐसा गांव जहां 10 साल से लोग खाने के साथ मक्खी खा रहे है। जी हाँ आपको बता दे कि राजिम के छुरा विकासखंड के ग्राम साजापाली के लोग अपने खाने के साथ में मक्खी को भी खा रहे है, और ऐसा इसलिए क्योंकि ग्राम के ही लक्ष्मीनारायण साहू जो कि पेशे से शासकीय शिक्षक है उन्होंने सारे नियम कायदे को ताक में रखकर गांव के बीच घनी आबादी क्षेत्र में बिना पंचायत व पर्यावरण विभाग के एनओसी लिये पोल्ट्री फार्म का संचालन कर रहे हैं। पोल्ट्री फार्म के पास ही आंगनबाड़ी केंद्र, शासकीय उचित मूल्य की दुकान व प्राथमिक विद्यालय भी है, जो कि भिनभिनाती मक्खियों व असहनीय बदबू के बीच संचालित है।

 पोल्ट्री फार्म की बदबू और मक्खी से परेशान सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी परेशानी बताते हुए गरियाबंद कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर पोल्ट्री फार्म को रिहायशी क्षेत्र से हटाने की मांग की थी। जिस पर कलेक्टर ने पशु धन विभाग के उपसंचालक डीएस ध्रुव को जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिये थे, लेकिन विभाग के द्वारा ऐसा जांच किया गया जिससे ग्रामीणों की उम्मीद पर पानी फिर गया और उन्हें न्याय नहीं मिल पाया। पशु धन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों की स्वास्थ के साथ खिलवाड़ करने वाले मामले में ऐसा ताना बुना और जांच में ऐसी लीपापोती की, कि इन जिम्मेदारों के करतूतों को सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।

इन अधिकारियों को आम नागरिकों की स्वास्थ से कोई सरोकार नहीं है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पोल्ट्री फार्म के संचालक के साथ मिलीभगत कर जांच में जमकर लीपापोती कर मामले को ठंडा बस्ते में डाल दिया और रसुखदार पोल्ट्री फार्म संचालक को क्लीन चिट दे दी। वहीं पीड़ित ग्रामीणों की शिकायत को गलत बता दिया। जिसके चलते ग्रामीण पोल्ट्री फार्म से निकलने वाली असहनीय बदबू और मक्खीयो के बीच रहने मजबूर है। इनकी परेशानियों के प्रति न तो जिला प्रशासन गंभीर है और न ही नेता व जनप्रतिनिधियो को कोई सरोकार है। सारे नियम, कायदा और कानून को ताक में रखकर आबादी क्षेत्र में पोल्ट्री फार्म का संचालन हो रहा है और ग्रामीणों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ हो रहा है।


Tags:    

Similar News

-->