रायगढ़। भारत सरकार का राजपत्र के माध्यम से भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा जारी अधिसूचना नई दिल्ली के माध्यम से ग्लाइफोसेट के उपयोग से मनुष्य एवं जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरा एवं जोखिम को देखते हुए निर्बंधित कर दिया गया है। शासन द्वारा जारी अधिसूचना का संक्षिप्त नाम ग्लाइफोसेट के उपयोग पर निर्बंधित आदेश 2022 दिया गया है। जिसके अनुसार राजपत्र में अंतिम प्रकाशन की तारीख से ग्लाइफोसेट का उपयोग नाशीजीव नियंत्रण प्रचालकों (पेस्ट कन्ट्रोल ऑपरेटर्स)के सिवाय कोई व्यक्ति नहीं करेगा। ग्लाइफोसेट के पंजीकरण प्रमाण पत्र धारक, पंजीकरण प्रमाण-पत्र जो कि ग्लाइफोसेट और उसके संजाता के लिए दिए गए है। पंजीकरण समिति को लेवल और लिफलेट पर मोटे अक्षरों में ग्लाइफोसेट के उपयोग की अनुमति नाशीजीव नियंत्रण ऑपरेटरों (पेस्ट कंट्रोल ऑपरेटर्स)के माध्यम से दी जाए की चेतावनी शामिल किए जाने हेतु वापिस करेंगे। यदि कोई व्यक्ति जिसके पास पंजीकरण प्रमाण पत्र है खण्ड-3 में निर्दिष्ट 3 महीने की अवधि के भीतर पंजीकरण समिति का प्रमाण पत्र वापस करने में विफल रहता है तो कीटनाशी अधिनियम, 1968 में अंर्तविष्ट उपबंधों के अधीन कार्यवाही की जाएगी। ज्ञात हो कि भारत सरकार को केरल सरकार से ग्लाइफोसेट और उनके व्युतपाद के वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने हेतु रिपोर्ट प्राप्त हुई थी, जिसे कि विशेषज्ञ समिति द्वारा विचार-विमर्श पश्चात उक्त प्रस्ताव से संतुष्ट होकर ग्लाइफोसेट को निर्बंधित किया गया है।
उप संचालक कृषि, रायगढ़ द्वारा समस्त पंजीकृत कीटनाशक विक्रेताओं (पेस्ट कन्ट्रोल ऑपरेटर्स को छोड़कर)को उक्त उत्पाद के भण्डारण वितरण न करने तथा कृषकों को भी उपयोग न करने अपील की गई है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा (पेस्ट कन्ट्रोल ऑपरेटर्स को छोड़कर)उक्त उत्पाद का भण्डारण-वितरण पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम, 1968 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।