चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के उल्लेखनीय बिन्दु

Update: 2021-07-29 15:52 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के निवासियों तथा कॉलेज के विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चन्द्राकर की पुण्यतिथि के अवसर पर 2 फरवरी 2021 को आयोजित कार्यक्रम में चन्दूलाल चन्द्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कचांदुर के राज्य शासन द्वारा अधिग्रहण की घोषणा की। शासन स्तर पर अधिग्रहण के सभी पहलुओं का परीक्षण करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाई गई। इस समिति ने भी कॉलेज का अधिग्रहण करने की अनुशंसा की। समिति की अनुशंसा के उपरांत विधि विभाग से परीक्षण और परिमार्जन करके कॉलेज का अधिग्रहण करने के लिए विधेयक तैयार किया गया। जिसकी स्वीकृति मंत्री परिषद द्वारा दी गई।

 विगत कई वर्षों में पूर्व में उपेक्षित स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु अनेक उपाय किये गये हैं। सैकड़ों करोड़ की अतिरिक्त राशि व्यय की गई है।

 कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप भविष्य में भी जारी रहने की पूर्ण आशंका है।

 ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना अभी भी चुनौती है।

 नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण में 400 से 500 करोड़ रुपए तथा 3 से 4 वर्ष की अवधि लगती है।

 चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति मेडिकल कॉलेज में अभी भी कई छात्र (भावी डॉक्टर) अध्ययनरत हैं। मेडिकल कॉलेज बंद होने की कगार पर है जिससे वहां अध्ययनरत छात्रों का भविष्य अंधकारमय होना निश्चित है।

 इस मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण से हर वर्ष 150 नए डॉक्टर मिलेंगे। मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण भू-अर्जन के नियमों के तहत किया जाएगा। भू-अर्जन के प्रावधानों के अंतर्गत ही संपत्ति का आंकलन किया जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में गाइडलाईन के चार गुना भुगतान के स्थान पर मंत्रिमंडल द्वारा दो गुना तक मूल्यांकन करने का निर्णय किया गया। इस प्रकार निर्धारित राशि के अतिरिक्त ना तो कोई राशि का भुगतान किया जाएगा और ना अन्य कोई दायित्व होगा। इससे सरकार को कम राशि का भुगतान करना पड़ेगा।

 मेडिकल कॉलेज के प्रमोटर्स के अन्य विधिक, आर्थिक दायित्व का भार सरकार पर नहीं पड़ेगा। उनकी व्यक्तिगत जवाबदारी होगी। पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया है। किसी को लाभान्वित करने का प्रश्न ही नहीं है।

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