मंत्री मोहम्मद अकबर और प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा

Update: 2022-05-12 12:37 GMT
रायपुर। वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर और सहकारिता एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज अधिकारियों की बैठक लेकर सहकारिता विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मंत्री अकबर ने कहा कि प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्मी कम्पोस्ट के प्रति किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किसानों को ब्याज मुक्त दी जाने वाली अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण व्यवस्था सहित किसानों के मांग के अनुरूप रासायनिक उर्वरकों का भंडारण एवं वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रमाणित बीज का भंडारण एवं वितरण सुगमता के साथ किया जाए ताकि खरीफ सीजन में बोनी के समय किसानों को प्रमाणित बीज प्राप्ंत करने में कोई परेशानी न हो।

बैठक में मंत्रीद्वय श्री अकबर और डॉ. टेकाम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ विपणन वर्ष 2022 में किसानों के लिए 5 हजार 800 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष के 11 मई तक किसानों को 965 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त कृषि ऋण वितरित किए जा चुके हैं। जबकि पिछले खरीफ वर्ष में इस तारीख को 39 करोड़ 32 लाख रूपए का ऋण वितरित किया गया था।

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मंत्रियों ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य सरकार प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध कराया जा रहा है। समितियों द्वारा किसानों को प्रति एकड़ 1 क्विंटल के मान से वर्मी कम्पोस्ट वितरित किया जा रहा है। साथ ही किसानों की आवश्यकता तथा मांग पर अतिरिक्त वर्मी कम्पोस्ट वितरण की व्यवस्था भी की गई है। सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 20 लाख 5 हजार 139 किसानों के कुल रकबा 40 लाख 31 हजार 230 एकड़ में प्रति एकड़ 1 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद के मान से रकबा के बराबर ही वर्मी कम्पोस्ट खाद वितरण व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गयी है।

मंत्रियों ने बैठक में बताया कि सुपर कम्पोस्ट खाद के साथ ही इस वर्ष किसानों को 8.55 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद वितरित करने का लक्ष्य है। अभी तक किसानों को 0.51 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक वितरित किये जा चुके हैं। वर्तमान में सहकारी समितियों में 1.58 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद उपलब्ध है।

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