विपरीत करणी आसन का तरीका और लाभ

विपरीत करणी को अंग्रेजी में “लेग्स-अप द वॉल पोज” (Legs-up the wall pose) के नाम से जाना जाता है।

Update: 2023-02-17 17:37 GMT

विपरीत करणी (विपरीतकरणी) को एक बलवर्धक योग मुद्रा के रूप में जाना जाता है और यह शरीर को अद्भुत तरीके से विश्राम भी प्रदान करता है। यह एक खास योग मुद्रा है, जो शरीर के कई अलग-अलग हिस्सों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। विपरीत करणी को अंग्रेजी में "लेग्स-अप द वॉल पोज" (Legs-up the wall pose) के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं विपरीत करणी को उन योगासनों में गिना जाता है, जिनमें अधिक मेहनत या शारीरिक लचीलता की आवश्यकता नहीं पड़ती है। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने के लिए और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए विपरीत करणी योगमुद्रा को विशेष रूप से जाना जाता है। इस लेख में हम विपरीत करणी से होने वाले स्वास्थ्य लाभ और साथ ही इसका अभ्यास करने के सही तरीके के बारे में जानेंगे।

विपरीत करणी के लाभ (Benefits of Legs Up The Wall Pose)
विपरीत करणी एक खास योग मुद्रा है, जिसे सही तकनीक के साथ किया जाए तो इससे कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। विपरीत करणी से प्राप्त होने वाले प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में निम्न शामिल हैं -
1. पीठ के तनाव को कम करे विपरीत करणी
इस योगासन में किसी प्रकार के खिंचाव की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बल्कि यह पीठ के निचले हिस्से में होने वाले असामान्य तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से पीठ की मांसपेशियां मजबूत होने लगती हैं।
2. पाचन क्रिया तेज करे विपरीत करणी
पेट के अंदर मौजूद अंगों के लिए भी विपरीत करणी योगासन को लाभदायक माना जाता है। इस मुद्रा में पेट के अंदर गुरुत्वाकर्षण बल में कुछ बदलाव आ जाता है, जिससे अंग उत्तेजित हो जाते हैं और पाचन क्रिया तेज हो जाती है।
3. शरीर को आराम प्रदान करे विपरीत करणी
अधिक मेहनत वाले व्यायाम या योगासन करने के बाद शरीर को आराम प्रदान करने में विपरीत करणी काफी उपयोगी हो सकता है। इससे शरीर की सभी मांसपेशियां शांत हो जाती हैं और आपको रिलैक्स महसूस होता है।
4. रक्त परिसंचरण तेज करे विपरीत करणी
हृदय से दूर होने के कारण टांगों व मस्तिष्क को सामान्य रूप से रक्त आपूर्ति न मिल पाने का खतरा बना रहता है। नियमित रूप से विपरीत करणी अभ्यास करने से टांगों व मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलता रहता है और आप स्वस्थ रहते हैं।
हालांकि, विपरीत करणी अभ्यास करने से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ प्रमुख रूप से योगासन करने की विधि और आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर ही निर्भर करते हैं।
विपरीत करणी आसन का तरीका (Steps to do Legs Up The Wall Pose)
यदि आप पहली बार विपरीत करणी योगाभ्यास करने जा रहे हैं, तो आपको यह योगासन करने के सही तरीकों के बारे में पता होना जरूरी है। निम्न चरणों की मदद से आपको यह योग मुद्रा बनाने में मदद मिल सकती है -
Step 1 - सबसे पहले सपाट फर्श पर दीवार के पास मैट या कोई अन्य कपड़ा बिछा लें
Step 2 - मैट पर दीवार के पास बैठ जाएं और इस दौरान दीवार आपके बाएं हाथ की तरफ होनी चाहिए
Step 3 - घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को अपने कूल्हे के पास ले आएं और दाईं करवट पर आराम से लेट जाएं
Step 4 - अब करवट बदलते हुए पीठ के बल हो जाएं और घुटनों को मोड़ कर अपनी छाती से मिला लें
Step 5 - अब टांगों को सीधा ऊपर की तरफ ले जाएं और जांघ, पिंडली व एड़ियों को दीवार से मिला लें
Step 6 - हाथों को आराम की अवस्था में जमीन पर रख लें
इस योग मुद्रा को आप अपनी क्षमता के अनुसार अवधि तक कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ सकते हैं। हालांकि, आपकी लचीलता और शारीरिक क्षमता के अनुसार इस योग मुद्रा में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं, जिसके लिए आपको किसी अनुभवी योग प्रशिक्षक से संपर्क करना चाहिए।
विपरीत करणी योगाभ्यास में सावधानी (Precautions during Legs Up The Wall Pose)
विपरीत करणी एक सरल योगासन है, हालांकि फिर भी इस योग मुद्रा को बनाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है -
दोनों टांगों को एक साथ ऊंचाई पर रखें
नियमित रूप से गहरी सांस लेते रहें
कोई भी योग क्रिया बलपूर्वक या झटके के साथ करने की कोशिश न करें
योगासन के दौरान पूरा ध्यान योग मुद्रा पर ही केंद्रित रखें
विपरीत करणी योगाभ्यास कब न करें (When not to do Legs Up The Wall Pose)
यदि आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी समस्या है, तो आपको विपरीत करणी योगाभ्यास करने से पहले डॉक्टर से अनुमति ले लेनी चाहिए। इन स्वास्थ्य समस्याओं में निम्न शामिल हैं -
शरीर के किसी हिस्से में गंभीर दर्द, मोच, जकड़न या चोट लगी होना
थकावट या मांसपेशियों में दर्द
सिर घूमना या चक्कर आना
मासिक धर्म या गर्भावस्था होना
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