भव्य कलश यात्रा के साथ 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ

छग

Update: 2025-01-05 18:16 GMT
Raipur. रायपुर। महानदी (चित्रोत्पला), पैरी और सोंढुर के पवित्र संगम के किनारे बसे नयापारा (राजिम) जिला रायपुर में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुज हरिद्वार के मार्गदर्शन मे 05 से 08 जनवरी 2025 तक राष्ट्र जागरण हेतु आयोजित 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। मंगल कलश यात्रा गाजे-बाजे, ढ़ोल-नंगाड़ों, झांकियां के साथ निकली। आगे बजता मधुर गायत्री मंत्र व प्रज्ञागीत एवं पीछे-पीछे पीले वस्त्रों में 2100 महिलायें विश्व ब्रम्हाण्ड के प्रतीक कलश को सिर में लिये एवं इन मातृशक्तियों के साथ-साथ हजारों की संख्या में उपस्थित पीतवस्त्रधारी श्रद्धालुजन आयोजन स्थल हरिहर विद्यालय प्रांगण से,तरीॅ रोड, गायत्री मंदिर, शीतला तालाब, काली मंदिर, कर्मा मंदिर, बस स्टैण्ड,
सदर बाजार
होते हुए नेहरु घाट पहुंचे, जहां त्रिवेणी संगम में वरुण पूजन, गंगा आरती किया गया। मातृशक्तियां पूरे नयापारा (राजिम) नगर में गायत्री मंत्रो के साथ शक्ति का संचार करते हुए कलश लिये यज्ञस्थल पहुंची। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, व्यापारियों एवं नगरवासियों द्वारा जगह-जगह पर शोभायात्रा एवं श्रद्धालुजनों का स्वागत पुष्पवर्षा से किया गया। शोभायात्रा में बाल कलाकार अलग-अलग देवी देवताओं की वेशभूषा धारण कर मनमोहक प्रस्तुतियां दे रहे थे। इस भव्य कलश यात्रा में श्रद्धा और आस्था का सैलाब नजर आया। हम बदलेंगे-युग बदलेगा, हम सुधरेंगे-युग सुधरेगा, देव संस्कृति का आधार-सादा जीवन उच्च विचार जैसे उद्घोषों से गूंज रहा पूरा नयापारा नगर भक्तिरस में डूब गया। शांतिकुंज हरिद्वार से पहुंचे ऋषिपुत्रों ने यज्ञ स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चार का पाठ करते हुए कलश स्थापित करवाया। कलश स्थापना के पश्चात आद्यशक्ति युगशक्ति पर संगीत व प्रवचन हुआ साथ ही सत साहित्य स्टॉल एवं यज्ञ का ज्ञान व विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।

शांतिकुंज से पधारे प्रज्ञा पुरोहित परमेश्वर साहू ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा वर्ष 1926 में गायत्री तीर्थ-शांतिकुंज हरिद्वार में ज्ञानरुपी अखण्ड ज्योत की जलाई, जो निरंतर जल रही है। 2026 में इसका शताब्दि वर्ष है। नवयुग का सृजन का संकल्प के साथ अखण्ड ज्योति की उर्जा एवं गुरुदेव के संदशों को जन-जन तक पहुचांने हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा गायत्री महायज्ञ की श्रृंखला पूरे राष्ट्र में की जा रही है। कलश धारण करने के महत्व को बताते हुए कहा कि ब्रम्हा, विष्णु महेश के साथ देव शक्तियों को धारण करने की क्षमता सिर्फ नारियों में है। विश्व में नारी शक्ति ही है जिसके कारण अनेक बड़े कार्य सिद्ध हुए हैं। आज जिस प्रकार नारी शक्तियों ने बड़ी संख्या में कलश धारण कर इस
महायज्ञ
में देवशक्तियों को अवतरित करने का श्रेष्ठ कार्य किया उससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में सत्प्रवृत्तियों का संवर्धन एवं दुष्प्रवृत्तियों का विनाश निश्चित होगा। गायत्री मंत्र के महत्व को बताते हुए कहा कि गायत्री मंत्र को वेद मंत्र एवं तारक मंत्र कहा गया है, जो हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यज्ञ संचालन समिति के अध्यक्ष आर.एस. चौरसिया एवं गायत्री शक्ति पीठ नयापारा राजिम के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुदर्शन वर्मा ने बताया कि 06 जनवरी को गायत्री महायज्ञ के देवपूजन में शांतिकुंज हरिद्वार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या उपस्थित रहेंगे। इस दौरान उनका विशेष उद्बोधन भी होगा। श्रद्धालुजन 06 जनवरी से 8 जनवरी तक प्रातः हवन में सम्मिलित होकर आहूति डाल सकते हैं। इस महायज्ञ में सभी संस्कार - पुसंवन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्णछेदन, मुण्डन, विद्यारम्भ, यज्ञोपवित, विवाह, जन्मदिवस व विवाहदिवस तथा गुरुदीक्षा आदि निःशुल्क कराये जायेंगे, जिसके लिये पूर्व पंजीयन अनिवार्य होगा। कलश यात्रा में मुख्य रूप से पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष विजय गोयल, गिरधारी लाल अग्रवाल, धनराज मध्यानी, किशोर देवांगन, भागीराम साहू, आर. बी शर्मा, बलदाऊ देवांगन, लच्छू राम निषाद एवं नगर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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