जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया है कि 19 जुलाई तक मरीजों की जांच एवं उनका उपचार किया जा रहा है। सभी घरों में मच्छरदानी की उपयोगिता बताते हुए लार्वा नष्ट एवं सोर्स रिडक्शन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया है कि 8 टीम जिसमें ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक 15 टीम लीडर, 38 मितानिन व 5 सुपरवाइजर द्वारा मलेरिया, टी.बी. मोतियाबिंद, स्कैबीज की जांच एवं उपचार किया जा रहा है। टीम के द्वारा उपचार के साथ-साथ प्रचार-प्रसार हेतु पाम्पलेट, समूह चर्चा कर वेक्टर जनित रोगों से बचाव के तौर तरीके बताए जा रहे हैं। उन्हें समझाया जा रहा है कि वे घर के आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर का पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदलें। शाम को घरों में नीम के पत्ती का धुंआ करें। पूरे आस्तीनके कपड़े पहने, सोते मच्छरदानी जरूर लगाएं।
ज्ञातव्य है कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के प्रथम चरण में 84 हजार 771, द्वितीय चरण में 84 हजार 897 व तृतीय चरण में 4 हजार 795 मरीजों की जांच की गई। इसके साथ ही प्रथम चरण में 20, द्वितीय चरण में 626 एवं तृतीय चरण में 24 गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं दी गई।