छुट्टी के लिए बोला झूठ, आरक्षक पर गिरी गाज, एसपी ने किया सस्पेंड
छत्तीसगढ़.
दुर्ग: दुर्ग एसपी ने रानी तरई थाने में पदस्थ आरक्षक नवनीत कलसी को सस्पेंड कर दिया है। उस पर झूठ बोलकर छुट्टी लेने, चौक चराहों पर लोगों और एक दंपती से झगड़ा करने का आरोप है। खुर्सीपार पुलिस ने आरक्षक के खिलाफ FIR भी दर्ज की है।
यह कार्रवाई छावनी-पाटन सीएसपी की रिपोर्ट पर की गई है। सीएसपी हरीश पाटिल ने बताया कि, आरक्षक नवनीत कलसी पुलिस लाइन में पदस्थ था। उसकी ड्यूटी मौखिक आदेश पर रानी तरई थाने में लगाई गई थी। दीपावली के दौरान वो बीमार होने का बहाना बनाकर छुट्टी पर अपने घर घुर्सीपार आ गया।
पिछले 3 नवंबर को मातर का त्योहार होने से शहर में काफी भीड़भाड़ का माहौल था। छावनी सीएसपी पेट्रोलिंग पर थे। उन्हें पता चला कि डबरापारा ओवर ब्रिज के नीचे कुछ लोग आपस में झगड़ा कर रहे हैं। इससे वहां पर जाम लग गया है। सीएसपी तुरंत अपनी टीम को लेकर वहां पहुंचे।
उन्होंने देखा कि तीन चार लड़के आपस में मारपीट कर रहे हैं। उन्होंने अपने सिपाहियों को डंडा लेकर आरोपियों को भागने के निर्देश दिए और वो खुद भी वहां पहुंचे। इसी दौरान शराब के नशे में आरक्षक नवनीत कलसी आया और आरक्षक से डंडा छीनकर लोगों को मारने लगा।
सीएसपी ने उसे फटकारा की तुम कौन होते हो आरक्षक से डंडा छीनकर मारने वाले। इस पर कलसी ने बताया कि, वो दुर्ग पुलिस का आरक्षक है और छुट्टी पर है। इस पर सीएसपी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बीमारी की छुट्टी पर होने के बाद भी यहां झगड़ा और मारपीट कर रहे सस्पेंड करा दूंगा। इस पर आरक्षक वहां से भाग गया। पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़कर कार्रवाई भी की गई।
अगले दिन 4 नवंबर की देर शाम डभरापारा ब्रिज के पास रायपुर निवासी दंपती खड़े होकर किसी का इंतजार कर रहे थे। इस पर ड्यूटी पर तैनात खुर्सीपार टीआई अंबर भारद्वाज ने उन्हें किसी बस स्टॉप या पावर हाउस जाने की सलाह दी। टीआई ने कहा कि, सुनसान जगह रुकने से अनहोनी का खतरा है।
टीआई जैसे ही समझाइश देकर वहां से निकले नवनीत कलसी आ गया। वो शराब के नशे में था। उसने दंपती को धमकाना शुरू कर दिया। जब दंपती ने उसका विरोध किया तो उसने खुद को पुलिसवाला बताकर उससे मारपीट शुरू कर दी। इसी जानकारी होने पर छावनी सीएसपी वहां पहुंचे।
उन्होंने खुर्सीपार थाना प्रभारी को दंपती की शिकायत पर आरक्षक के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद सीएसपी ने इसकी रिपोर्ट दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला को भेजी। जितेंद्र शुक्ला ने 9 नवंबर को आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है।